चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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लहसुन को तकिये के नीचे रखने से होते हैं ये कमाल, जिन्हें जान कर रह जाएंगे आप दंग



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हम ज़रा बीमार पड़ते हैं और डॉक्टर के पास चले जाते हैं। कुछ बीमारियों के लिए तो लंबा इलाज भी चलता है और बार-बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। लेकिन पुराने समय में ऐसा नहीं होता था। लोग घरेलू उपचारों से ही सबकुछ ठीक कर लेते थे। आज भी हम लोग दादी-नानी के नुस्खों के बारे में सुनते तो हैं पर हमें इनकी सही-सही जानकारी नहीं होती है।
हमारे घर की रसोई में ही कई चमत्कारिक मसाले उपलब्ध होते हैं जिनके लाभ के बारे में हम जानते ही नही हैं। अभी सर्दी का मौसम भी आ रहा है और इसके साथ कई बीमारियां भी दस्तक देंगी। इसलिए हम आपको एक ऐसे घरेलू मसाले के बारे में बताएंगे जो सर्दी में आपके बहुत काम आएगा। आइये देखते हैं क्या है इस मसाले की खासियत।

हम इसकी बात कर रहे हैं

हम भारतीय रसोइयों में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले मसाले लहसुन की बात कर रहे हैं। लहसुन का हर हिस्सा स्वास्थ्य के लिए रामबाण की तरह होता है। इसी वजह से इसे बहुत महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी और औषधि भी माना जाता है।

सामान्य बीमारियों में है असरकारक

लहसुन कई सामान्य बीमारियों जैसे कि फ्लू और सर्दी में बहुत उपयोगी होता है। बच्चों को सर्दी के दौरान लहसुन की माला भी पहनाई जाती है। इसे कई अन्य घरेलू खाद्य सामग्री जैसे कि शहद आदि के साथ मिलाकर सर्दी के दौरान इसका सेवन करते हैं।

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खाली पेट करे कमाल

खाली पेट करे कमाल  
लहसुन को खाली पेट खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। इसे खाली पेट खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और भूख भी बढ़ती है। साथ ही जिन्हें ट्यूबरक्युलोसिस (TB) की समस्या हो उन्हें भी खाली पेट लहसुन खाने से बहुत लाभ मिलता है। इससे एसिडिटी और डायरिया से भी राहत मिलती है।

दिल को संभालें 

लहसुन के प्रयोग से उक्त रक्तचाप की समस्या से भी समाधान मिलता है। इसमें मौजूद एलीसिन तत्व रक्तचाप को कम करता है। साथ ही अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का समाधान भी करता है। यह लीवर और ब्लैडर के निर्बाद्ध संचालन में भी सहायता करता है।

जिएंगे ज्यादा

जिएंगे ज्यादा
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लहसुन में चमत्कारिक एंटीबायोटिक्स होते हैं जिनसे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही यह ह्रदय और लीवर जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंगों को भी स्वास्थ्य रखता है। जिससे आपके लंबे समय तक जीने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

बचाता है अल्ज़ाइमर से

लहसुन कोशिकाओं को क्षति से बचाता है। यह बढ़ती उम्र के साथ होने वाली दिमाग संबंधी समस्याओं जैसे अल्ज़ाइमर के खतरे को कम करता है।

मुस्कान को चमकाए

मुस्कान को चमकाए
लहसुन दाँतों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। दाँतों में कीड़े, सड़न और दर्द में लहसुन राहत देता है।

दमा में भी फायदा

दमा में भी फायदा
दमे की समस्या में लहसुन लेने से बहुत फायदा मिलता है। साथ ही यह फेफड़ों में संक्रमण, निमोनिया, खांसी का भी इलाज़ करता है।

रखें तकिये के नीचे

रखें तकिये के नीचे
अगर आपको रात में अच्छे से नींद नहीं आती है तो अपने तकिये के नीचे लहसुन रखकर सोएं। अच्छी नींद आएगी। साथ ही इससे नकारात्मकता भी दूर होती है।

गंजेपन से राहत

गंजेपन से राहत
लहसुन गंजेपन को भी दूर करता है। जहाँ से बाल उड़ गए हैं वहाँ इसका रस लगाने से बाल आने लगेंगे।

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