चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किए हैं। प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाय) भी उनमें से एक है। यह मूल रूप से एक सावधि जीवन बीमा पॉलिसी है। इसका सालाना आधार पर या लंबी अवधि के लिए नवीनीकरण किया जा सकता है। पॉलिसीधारक की मौत होने पर यह उसे जीवन बीमा कवरेज मुहैया कराएगी।

पात्र कौन है?

प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 18 से 50 वर्ष आयु समूह के व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाएगी। संबंधित व्यक्तियों का बैंक खाता होना चाहिए। जो लोग यह पॉलिसी 50 साल के पहले लेते हैं, उन्हें जीवन बीमा का कवर 55 साल तक मिलेगा। हालांकि, उन्हें यह लाभ पाने के लिए नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

प्रीमियम क्या है?

पॉलिसीधारक को सालाना 330 रुपए का भुगतान करना होगा। यह राशि हर साल उनके बैंक खाते से काट ली जाएगी। वह भी एक बार में। यह काम बैंक से होगा, जहां यह पॉलिसी शुरू होगी।

जोखिम (रिस्क) का कवरेज क्या है?

प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में रिस्क कवरेज दो लाख रुपए है। पॉलिसी एक साल से ज्यादा अवधि के लिए ली गई तो जितने साल के लिए यह पॉलिसी ली गई है, उतने साल तक हर साल संबंधित बैंक खाते से पैसा काट लिया जाएगा।

यह कार्यक्रम कौन पेश करता है?

इस योजना की पेशकश भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) कर रहा है। हालांकि, यदि कोई अन्य जीवन बीमा कंपनियां इस कार्यक्रम से जुडना चाहती हैं तो संबंधित बैंकों के साथ अनुबंध कर जुड़ सकती हैं। पीएमजेजेएस के मामले में जिन बैंकों के उपभोक्ता इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे, उन्हें मास्टर अकाउंट होल्डर माना जाएगा। एलआईसी और अन्य बीमा कंपनियां दावा भुगतान और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देंगी। जो सरल और अंशधारकों के लिए सहज होने की उम्मीद की जा सकती है। यह बैंकों के साथ परामर्श के बाद किया जाएगा।

पंजीयन कैसे किया जा सकता है?

यह योजना शुरुआत में 1 जून 2015 से 31 मई 2016 तक के लिए रहेगी। हितग्राहियों को 31 मई 2015 तक या उससे पहले अपना पंजीयन कराना था। उन्हें यह भी बताना है कि उनके बैंक खाते से पैसा कब काटा जाए। यह तारीख 31 अगस्त 2015 तक बढ़ाई जाएगी। यदि कोई इसके बाद इस योजना में पंजीयन कराना चाहता है तो वह स्व-प्रमाणन जमा कर सकता है। जिसमें उसे बताना होगा कि उसका स्वास्थ्य अच्छा है और वह पूरी प्रीमियम चुकाने को तैयार है। यदि कोई पहले वर्ष के बाद भी इस योजना का हितग्राही बने रहना चाहता है तो उसे उस साल 31 मई तक बैंक खाते से पैसे कटने की सहमति देनी होगी। जो भी इसके बाद पॉलिसी का नवीनीकरण कराता है, उसे स्वास्थ्य अच्छा होने का स्व-प्रमाणन करना होगा। साथ ही सालाना प्रीमियम भी एकमुश्त चुकानी होगी। यदि कोई पहले साल में योजना से नहीं जुड़ता तो वह आगे चलकर अच्छे स्वास्थ्य का स्व-प्रमाणन कर सालाना प्रीमियम चुकाकर इस योजना क¢ तहत पंजीयन करा सकता है। यही प्रक्रिया उन लोगों के लिए भी लागू होगी जिन्होंने पॉलिसी लेने के बाद बीच में छोड़ दी और दोबारा शुरू करना चाहते हैं।

पॉलिसी कब खत्म कर दी जाएगी?

पॉलिसीधारक की उम्र 55 वर्ष पूरी होने पर पॉलिसी खत्म हो जाएगी। हालांकि, इसे प्रभावी रखने के लिए पॉलिसीधारक को समय-समय पर इसका नवीनीकरण कराना होगा। यदि खाताधारक बीमा पॉलिसी को सक्रिय रखने लायक न्यूनतम बेलेंस भी अपने बैंक खाते में नहीं रख पा रहा है और उस बैंक का खाता ही खत्म कराना पड़ता है, जहां से पॉलिसी ले रखी है तो बीमा पॉलिसी भी खत्म हो जाएगी। यदि संबंधित व्यक्ति के एक से ज्यादा खाते हैं और वह अनजाने में एक से ज्यादा बीमा पॉलिसी ले लेता है तो भी वह प्रीमियम जब्त हो जाएगी।

बैंक की भूमिका क्या रहेगी?

मास्टर अकाउंट होल्डर होने और हर साल प्रीमियम काटने के अलावा बैंकों की कुछ अन्य भूमिकाएं भी तय की गई हैं। उनका प्राथमिक दायित्व खातों से काटी गई प्रीमियम को बीमा कंपनियों तक पहुंचाना है। उन्हें यह काम भी करने होंगेः
– पंजीयन फॉर्म
– खुद-ब-खुद बैंक खाते से पैसे कट जाए इसका अधिकार पत्र
– सही आकार में घोषणापत्र-कम-सहमति फॉर्म उपलब्ध कराना। वे इन्हें हासिल करेंगे और दावों के वक्त भी पास रखेंगे या किसी भी ऐसे मौके पर जब बीमा कंपनी को इसकी जरूरत होगी, यह फॉर्म उसे उपलब्ध कराने होंगे।

प्रीमियम को कैसे बांटा जाएगा?

330 रुपए के सालाना प्रीमियम में से 289 रुपए बीमा कंपनी को जाएंगे और 30 रुपए का भुगतान बीसी, कॉर्पोरेट या माइक्रो एजेंट्स को होगा। बैंक को 11 रुपए प्रशासनिक खर्च के तौर पर मिलेंगे।
पीएमजेजेबीबीवाय से संबंधित और ज्यादा जानकारी के लिए, कृपया लॉग ऑन करें- www-jansuraksha-gov-in या www-financialservices-gov-in । या इन राष्ट्रीय टोल-फ्री नंबरों पर फोन लगाएं- 1800 110 001 या 1800 180 1111 और इस दस्तावेज में दिए राज्यवार टोल फ्री नंबरों पर फोन लगा सकते हैं- http://www-jansuraksha-gov-in/PDF/STATEWISETOLLFREE-pdf

आवेदन फॉर्म

आवेदन फॉर्म को http://www-jansuraksha-gov-in/FORMS&PMJJBY-asp से डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म अलग-अलग भाषाओं में भी उपलब्ध है- अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, बांग्ला, कन्नड़, ओडिया, मराठी, तेलुगू और तमिल।

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