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जहां फर्श पर सोने से होती है नि:संतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति –
हिमाचल के मंडी जिला की लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में एक देवी का मंदिर
ऐसा है जहां पर निसंतान महिलाओं के फर्श पर सोने से संतान की प्राप्ति होती
है। नवरात्रों में हिमाचल के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से
ऐसी सैकड़ों महिलाएं इस मंदिर की ओर रूख करती हैं जिनकी संतान नहीं होती
है।
मंदिर में फर्श पर सोती नि:संतान महिलाएं
मंदिर में सोने पर आते हैं सांकेतिक स्वप्न
मंदिर में देवी मां का आसन व पूजा स्थल
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लड़-भड़ोल तहसील के सिमस नामक खूबसूरत
स्थान पर स्थित माता सिमसा मंदिर दूर दूर तक प्रसिद्ध है। माता सिमसा या
देवी सिमसा को संतान-दात्री के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष यहां
निसंतान दंपति संतान पाने की इच्छा ले कर माता के दरबार में आते हैं।
नवरात्रों में होने वाले इस विशेष उत्सव को स्थानीय भाषा में सलिन्दरा कहा
जाता है। सलिन्दरा का अर्थ है स्वप्न आना होता है। नवरात्रों में निसंतान
महिलायें मंदिर परिसर में डेरा डालती हैं और दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती
हैं ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं माता सिमसा के प्रति मन में श्रद्धा
लेकर से मंदिर में आती हैं माता सिमसा उन्हें स्वप्न में मानव रूप में या
प्रतीक रूप में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद प्रदान करती है।
स्वप्न में लकड़ी या पत्थर दिखने पर नहीं होती है संतान
मान्यता के अनुसार, यदि कोई महिला स्वप्न में कोई कंद-मूल या फल प्राप्त
करती है तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है। देवी सिमसा आने
वाली संतान के लिंग-निर्धारण का भी संकेत देती है। जैसे कि, यदि किसी महिला
को अमरुद का फल मिलता है तो समझ लें कि लड़का होगा। अगर किसी को स्वप्न
में भिन्डी प्राप्त होती है तो समझें कि संतान के रूप में लड़की प्राप्त
होगी। यदि किसी को धातु, लकड़ी या पत्थर की बनी कोई वस्तु प्राप्त हो तो
समझा जाता है कि उसके संतान नहीं होगी।
कहते हैं कि निसंतान बने रहने का स्वप्न प्राप्त होने के बाद भी यदि कोई
औरत अपना बिस्तर मंदिर परिसर से नहीं हटाती है तो उसके शरीर में खुजली भरे
लाल-लाल दाग उभर आते हैं। उसे मजबूरन वहां से जाना पड़ता है। संतान
प्राप्ति के बाद लोग अपना आभार प्रकट करने सगे-सम्बन्धियों और कुटुंब के
साथ मंदिर में आते हैं। यह मंदिर बैजनाथ से 25 किलोमीटर तथा जोगिन्दर नगर
से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
मंदिर के समीप एक पत्थर जो एक उंगली से हिलाया जाता है
मंदिर के पास पत्थर जो हिलता है एक उंगली से
सिमसा माता मंदिर के पास यह पत्थर बहुत प्रसिद है । इस पत्थर को दोनों
हाथों से हिलाना चाहो तो यह नही हिलेगा और आप अपने हाथ की सबसे छोटी ऊँगली
से इस पत्थर को हिलाओगे तो यह हिल जायेगा।
thanks for comment
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