चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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चैत्र नवरात्र 28 मार्च से, जानिए किस दिन होगी किस देवी की आराधना और घटस्थापना मुहूर्त





साल 2017 की चैत्र नवरात्र 28 मार्च से शुरू होगी. इस पूजा की शुरुआत घटस्थापना से होगी, जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 26 मिनट से लेकर 10 बजकर 24 मिनट तक का है. नौ दिनों तक चलने इस पूजा में तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों आराधना की जाएगी. वैसे तो एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं, लेकिन इनमें से चैत्र और आश्विन नवरात्र सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं.

वसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वसंत, वासंती या वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है. उल्लेखनीय है कि चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों के साथ ही हिन्दू नवसंवत्सर शुरू हो जाता हैं. इस साल 28 मार्च से शुरू होने वाले यह नवरात्र पांच अप्रैल तक चलेगा. प्रस्तुत है इस चैत्र नवरात्र की मुख्य तिथियां:



  • 28 मार्च 2017 : नवरात्र के पहले दिन दिन घटस्थापना होगी और देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी.
  • 29 मार्च 2017 : नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी.
  • 30 मार्च 2017 : नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाएगी.
  • 31 मार्च 2017 : इस साल 31 तारीख को माता के चौथे स्वरूप देवी कूष्मांडा जी की आराधना की जाएगी.
  • 01 अप्रैल 2017 : नवरात्र के पांचवें दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जाएगी.
  • 02 अप्रैल 2017 : चैत्र नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी.
  • 03 अप्रैल 2017 : नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी.
  • 04 अप्रैल 2017 : नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाएगी. इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं.
  • 05 अप्रैल 2017 : नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धदात्री स्वरूप का पूजन की जाएगी. सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्र में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूर्ण हो जाता है.


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