चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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अभिनेता अनुपम खेर के तीखे सवाल सुनकर सुप्रीम कोर्ट के जजों का माथा ठनका




11 मई से तीन तलाक के मुद्दे की सुनवाई के लिए 5 जज़ों की टीम बैठ चुकी है। सुनवाई के पहले ही दिन कोर्ट नें कहा था कि अगर तीन तलाक का मामला इस्लाम धर्म का हुआ तो उसमें हम दखल नही देंगे।
इसपर बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर नें तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि, ठीक है माई लॉर्ड, अगर आप धर्म के मामले में दखल नही देना चाहते तो जलीकट्टू, दही हांड़ी, गो हत्या, राम मंदिर जैसे कई हिंदुओ के मामले हैं जिसमें आप बेझिझक दखल देते हैं। क्या हिंदू धर्म आपको धर्म नही लगता? या फिर आप मुसलमानों की धमकियों से डरते हैं? अगर आप कुरान में लिखे होनें से तीन तलाक को मानते हैं तो पुराण में लिखे राम के अयोध्या में पैदा होनें को क्यों नही मानते?
हमें भी बताइए, यह सिर्फ मैं नही पूरा देश जानना चाहता है।

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