Martyrdom of Sri Guru Tegh Bahadur

हिंदू धर्म के रक्षक श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से एक दिन पहले उन्हें डराने के लिए चांदनी चौंक में उनके सिख भाई मति दास जी को आरे से दो टुकड़े कर दिए गए,भाई सती दस जी को रुई में लपेट जिंदा जलाया गया, भाई दयाल जी को देग में उबाल कर शहीद किया गया। उनकी शहादत को बारम्बार प्रणाम 

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आज के युग में भगवान भी मनुष्य की मदद करना चाहे तो नहीं कर सकते।


 

चित्र का रहस्य बहुत ही मार्मिक एवम् गुढ़ है!
चित्र में हाथी रूप पूर्व जन्म के कर्म है। कुऍं में साँप भविष्य के कर्म है। पेड़ की शाखा वर्तमान जीवन है। सफ़ेद चूहा, दिन और काला चूहा, रात बनकर शाखा को काट रहे है। शाखा पर लटका शहद का छत्ता, सांसारिक मोह माया है।

इस स्थिति में भगवान हाथ बढ़ाकर मनुष्य को बचाना चाह रहे है, परंतू मनुष्य टपकते हुए शहद को चूसने में इतना मशगूल है कि आनेवाले संकट और भगवान को भी नज़रअंदाज़ कर रहा है।

तात्पर्य आज के युग में भगवान भी मनुष्य की मदद करना चाहे तो नहीं कर सकते।

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