चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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मरती हुई माँ ने बचाई अपने बच्चे की जान

आधी रात को बहुत बारिश हो रही थी।
Karan और उसकी बीवी swati एक मित्र की
पार्टी से अपनी
गाडी से घर वापस लौट रहे थे..
बारिश की वजह से karan बहुत धीमी गति से
गाड़ी चला रहा
था,
तभी अचानक बिजली गिरी..
बिजली की रोशनी में Karan को गाड़ी के सामने
एक बदहवास सी
एक औरत दिखाई दी..
Karan ने गाड़ी रोक दी..!
गाड़ी रुकने पर उसकी
बीवी ने कहा :- क्या
हूआ..? गाड़ी क्यों
रोक दी..?
Karan ने आगे की ओर इशारा किया।
Swati ने आगे देखा तो वो डर गयी,
क्यों कि
गाड़ी के सामने एक
औरत खड़ी थी।
वो औरत गाड़ी के पास आयी, और हाथ से गाड़ी
का शीशा नीचे
करने का इशारा करने लगी।
Karan की बीवी swati काफी डर गयी थी,
उसने karan को गाडी
चलाने को कहा, लेकिन गाड़ी भी स्टार्ट नही
हुईं।
गाड़ी के बाहर खडी औरत बारिश की वजह से
भींग गयी थी।
वो हाथ जोडकर गाड़ी का शीशा नीचे करने
का इशारा कर रही
थी।
Karan को लगा कि वो औरत किसी मुसीबत मे है,
इसलिए उसने
गाड़ी का शीशा नीचे किया।
वो औरत हाथ जोडकर बोली, "भाई साहब मेरी
मदद करे..
तेज
बारिश की वजह से मेरी गाड़ी का एक्सीडेंट हो
गया है,
मेरी
गाड़ी रास्ते के नीचे गिर गयी है,
उसमें मेरी
छोटी बच्ची है..
प्लिज
उसे बचाईये..।"
Karan गाड़ी से उतरा और उस औरत के पीछे गया।
उस औरत की गाड़ी रास्ते के काफी नीचे गिर
गयी थी।
Karan नीचे उतरकर उस गाडी केपास गया तो देखा
कि उसमें एक
प्यारी छोटी सी फूल सी बच्ची रो रही है..
उसने बच्ची को बाहर निकाला,
फिर karan को
लगा की ड्रायवर
की सीट पर भी कोई है।
जब karan ने ड्रायवर की सीट पर देखा तो उसके
होश उड
गये,
क्योंकि ड्रायवर के सीट पर वही औरत खून से
लथपथ मरी पडी
थी।
Karan को अब सब समझ में आया।
वो बच्ची को लेकर अपनी गाड़ी के पास
आया
,बच्ची को अपनी
बीवी swati को दिया।
उसकी बीवी बोली, "वो औरत कहा है..? वह
कौन थीं...?"
Karan बोल
.
.
.
.
.
.
"वो एक माँ थी। मर कर भी बेटियों के लिये
तड़पती है मां ..!!"
ये पढ़कर मेरे दिल से आँसू निकल रहे है दोस्तों अगर
कोई मुसीबत में है
तो उसकी सहायता जरूर कीजि
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