Martyrdom of Sri Guru Tegh Bahadur

हिंदू धर्म के रक्षक श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से एक दिन पहले उन्हें डराने के लिए चांदनी चौंक में उनके सिख भाई मति दास जी को आरे से दो टुकड़े कर दिए गए,भाई सती दस जी को रुई में लपेट जिंदा जलाया गया, भाई दयाल जी को देग में उबाल कर शहीद किया गया। उनकी शहादत को बारम्बार प्रणाम 

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ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना बस इतनी शिकायत है – Ae Nargis-e-Mastana (Arzoo)









ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना बस इतनी शिकायत है – Ae Nargis-e-Mastana (Arzoo)

फ़िल्म: आरज़ू / Arzoo (1965)
गायक/गायिका: मोहम्मद रफ़ी
संगीतकार: शंकर-जयकिशन
गीतकार: हसरत जयपुरी
अदाकार: फ़िरोज़ खान, राजेंद्र कुमार, साधना




 ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना (बस इतनी शिकायत है) – 2
समझा हमें बेगाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…

हर राह पर टकराए हर मोड़ पर घबराए – 2
मुँह फेर लिया तुमने हम जब भी नज़र आए – 2
हो हमको नहीं पहचाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…

हो जाते हो बरहम भी बन जाते हो हमदम भी
ऐ साक़ी-ए-मैख़ाना शोला भी हो शबनम भी – 2
हो खाली मेरा पैमाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…

हर रंग क़यामत है हर ढंग शरारत है
दिल तोड़ के चल देना ये हुस्न की आदत है – 2
हाय आता नहीं बहलाना (बस इतनी शिकायत है) – 2
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना…





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