चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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बीमारी क्या है


 बीमारी क्या है -

शरीर मे श्वासन, पाचन, निष्कासन की 3 प्रक्रियाओं से शरीर में विषद्रव्य(homotoxins) का उत्पादन होता हैl
जिन्हें शरीर स्वतः निरंतर अपने आप बाहर निकालता रहता हैl
और बस अगर यह प्रक्रिया धीमी पड़ जाए तो फिर शरीर मे बीमारी शुरू होने लगती है ……
हमारा शरीर प्राकृतिक है या हम ऐसा भी कहते है यह शरीर प्रकृति द्वारा निर्मित हुआ है, इसलिये हमारा शरीर प्राकृतिक विष को बहुत असानी से बाहर निकाल सकता है, पर मनुष्य निर्मित कृत्रिम कैमिकल या विष को निकालने में काफी असमर्थ हो जाता है। मनुष्य निर्मित कैमिकल से शरीर में विष द्रव्य बढ़ने लगते है, तो इससे शरीर के Cells(कोष) खराब( Degeneration) होने लगते है तथा शरीर मे बीमारियां जन्म लेनी शुरू हो जाती है,
आयुर्वेदा के अनुसार शरीर में अगर Ph 7 से 7.5 के बीच रहे तो शरीर स्वतः अपने आप से सब मल कीट ज़हर यहां तक कि मनुष्य निर्मित chemicals को भी बाहर करने मे सक्षम होता है,
बल्कि
पुर्नजन्मो के कृत्य के कारण शरीर के रोग, मन के रोगों, विष के रोगों को भी खुद ही अपने आप साफ़ कर ख़ुद का इलाज खुद ही कर लेता है । …
शरीर के Ph को बचाने के लिए इनके सेवन को नियमित कर ले बस 
मानव रक्त का ph मान =7.4
मानव मूत्र का ph मान = 4.8-8.4
आंसू का ph मान =7.4
मानव लार का ph मान =6.5-7.5
अन्य एसिडिक सूची
HCL का PH मान = 1.5
H2SO4 का PH मान = 2.75
सेवन के लिए
कुएँ के जल का Ph मान = 7.2
दूध का ph मान = 6.4
सिरके का ph मान = 3
नीबू का ph मान = 2.4
नमक NaCl का ph मान = 7
शराब का ph मान = 2.8
समुद्री जल का ph मान =8.5
इनके सेवन को नियमित करके बचे
सेब, सोडा का pH मान(pH Value) =3.0
अचार का pH मान(pH Value) =3.5-3.9
टमाटर का pH मान(pH Value) =4.5
केले का pH मान(pH Value) =4.5-5.2
एसिड वर्षा का pH मान(pH Value) =5.0 के आसपास
रोटी का pH मान(pH Value) =5.3-5.8
लाल मांस का pH मान(pH Value) =5.4 से 6.2
चारेदार पनीर का pH मान(pH Value) =5.9
मक्खन का pH मान(pH Value) =6.1 से 6.4
मछली का pH मान(pH Value) =6.6 से 6.8
अन्य क्षारकता सूची:
शैम्पू का pH मान(pH Value) = 7.0 से 10
बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट) का pH मान(pH Value) = 8.3
टूथपेस्ट का pH मान(pH Value) = लगभग 9
मैग्नेशिया के दूध का pH मान(pH Value) =10.5
अमोनिया का pH मान(pH Value) =11.0
हेयर स्ट्रोकिंग केमिकल्स का pH मान(pH Value) =11.5 से 14
लाइम (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड) का pH मान(pH Value) =12.4
लाइ का pH मान(pH Value) =13.0
सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) का pH मान(pH Value) =14.0
हर्षित भारत, स्वस्थ भारत 
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