* बेटियां त्याग व बलिदान से भरपूर होती हैं:
नीना तिवाड़ी
* कोई बनी कल्पना चावला तो कोई बनी जज, किरण बेदी, झांसी की रानी, मदर टैरेसा
चंडीगढ़ 11 जनवरी 2020: सामाजिक
व कल्याणकारी कार्यो में संलिप्त नारी जागृति मंच (रजि.), चंडीगढ़ ने
‘मेरी लाडो की लोहड़ी’ का आयोजन सेक्टर 40 स्थित श्रीहनुमंत धाम मंदिर के
प्रागंण में मंच की प्रधान नीना तिवाड़ी द्वारा किया गया। लोहड़ी के अवसर
पर एक ओर जहां नन्हीं बेटियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यकर्मों को बेहद
सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया वहीं दूसरी ओर उन्होंने विभिन्न वरिष्ठ समाज से
व देश के सम्मानित महिलाओं की वेश भूषा पहन कर रैम्प पर वॉक कर उपस्थित
दर्शकों को दिल जीत लिया।
कार्यक्रम की शुरूआत मंच की प्रधान
नीना तिवाड़ी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई इस दौरान उनके साथ प्रेम
लत्ता, पाल शर्मा, रंजू ग्रोवर, सुदर्शन शर्मा, उषा शर्मा, गायत्री देवी व
मंच की अन्य सदस्य उपस्थित थी। कार्यक्रम के उपरांत ट्राईसिटी के विभिन्न
सेक्टरों से कार्यक्रम में पहुंची 8 माह से 7 आयु वर्ष की लगभग 100 बेटियों
ने फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
इतना ही नही बच्चियों द्वारा भारत माता, इंदिरा गांधी, कल्पना चावला, जज,
किरण बेदी, झांसी की रानी, मदर टैरेसा आदि देश में अपनी एक पहचान बना चुकी
महिलाओं की ड्रेस में भी रैम्प वॉक करते नजर आई।
कार्यक्रम
के दौरान नन्हीं बच्चियों द्वारा सांस्कृति गीत, लोहड़ी पर आधारित लोकगीत,
भंगड़ा, गिद्दा की बखूबी प्रस्तुति दी गई जिन्हें दर्शकों ने जोरदार
तालियों के साथ अपनी प्रशंसा व्यक्त की।
इस अवसर पर मंच की
प्रधान नीना तिवाड़ी ने कहा कि मंच द्वारा लड़कियों को समाज में उचित स्थान
दिलाने के लिए गत 18 वर्षो से विशेषतौर से लाडो की लोहड़ी का त्योहार
मनाती आ रही है। आज समाज में कई परिवार लड़कियों की लोहड़ी मना रही है
जिसका श्रेय मंच को जा रहा है। उन्होंने उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते
हुए कहा कि बेटियां अनमोल होती हंै हर युग में देश को नई दिशा बेटियां ही
देती है वह त्याग व बलिदान से भरपूर होती हैं। बेटियां माता पिता का अभिमान
होती हैं। उन्होंने कहा कि जहां नारियों को सम्मान दिया जाता है वहां
साक्षात् देवता निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के युग में महिलाएं हर
क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं।
तिवाड़ी ने इस बात पर
बल देते हुए कहा कि महिलाओं के बिना इस दुनिया का विस्तार असंभव है इसलिए
बालिकाओं को बचाना आवश्यक है। साथ ही हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और
उन्हें जीवन में आगे बढऩे के समान अवसर प्रदान किये जाने चाहिए। उन्होंने
कहा कि लडक़ों के मुकाबले लड़कियाँ माता पिता का ज्यादा ख्याल रखते हैं। आज
तक लड़कियों ने अपने परिवार, ससुराल, नौकरी, समाज और हर क्षेत्र में अपने
कर्तव्य को लडक़ों से कई अधिक अच्छे तरीके से संभाला है। तब भी पता नहीं लोग
लडक़ों की तलाश में क्यों रहते हैं। एक महिला एक माँ, पत्नी, बेटी, बहन की
भूमिका अपने एक जीवन में निभाती है जिसके लिए हमें महिलाओं का सम्मान करना
चाहिए।
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