चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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*गठिया से लेकर मुहांसों तक का रामबाण इलाज है काली सरसों*


*गठिया से लेकर मुहांसों तक का रामबाण इलाज है काली सरसों*


*चलिए हम आपको काली सरसों के कुछ ऐसे फायदे बताते हैं, जिसके बाद आप भी इस्तेमाल शुरू कर देंगे*

*कैंसर से बचाव* 
शोध के अनुसार, इससे कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। दरअसल, इसमें ग्लूकोसाइनोलेट्स और मायरोसिनस जैसे यौगिकों होते हैं, जो शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं की वृद्धि को रोकते हैं।

*बेहतर पाचन क्रिया* 
इसका सेवन पाचन क्रिया को भी दुरूस्त रखने में मदद करता है। इसमें फाइबर की मात्रा भरपूर होती है, जिससे कब्ज और एसिडिटी जैसी परेशानियां दूर हो जाती है।

*दिल को रखे स्वस्थ* 
यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल और रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा भी हद तक कम हो जाता है।

*गठिया दर्द को करे दूर*
 एंटी-इंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर इन बीजों के तेल से मालिश करने पर गठिया, जोड़ों, मांसपेशियों में सूजन व दर्द की समस्या दूर होती है।

*हड्डियों और दांतों को बनाए मजबूत* 
सेलेनियम नामक तत्व से भरपूर होने के कारण इसका सेवन हड्डियों व दांतों के लिए काफी फायदेमंद है। यही नहीं, इससे बालों व नाखूनों को भी मजबूती मिलती है। वहीं इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी मसूड़ों, हड्डियों और दांतों में दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

*सिरदर्द, तनाव होता है दूर*
 काली सरसों का सेवन करने से सिरदर्द और तनाव से राहत मिलती है। वहीं इसके तेल से मालिश करने पर बाल लंबे, घने व मजबूत होते हैं।

*स्किन प्रॉब्लम्स का है समाधान* 
काली सरसों का पैक बनाकर लगाने से ना सिर्फ त्वचा में ग्लो आता है बल्कि इससे पिंपल्स, मुहांसों व टैनिंग और ड्राई स्किन की समस्या भी दूर हो जाती है। यही नहीं, नियमित रूप से इसका पैक लगाने से एंटी-एजिंग की समस्याएं भी दूर रहती हैं।

*उम्र का बढ़ना रोके*
 इसमें विटामिन ए, के, और सी से भरपूर होते हैं, जो त्वचा में कोलेजन का स्तर बढ़ाकर बढ़ती उम्र की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। इससे आप एंटी-एजिंग साइन्स जैसे झुर्रियां, झाइयां, फाइन लाइन्स आदि से बचे रहते हैं। यही नहीं, इसके बीज का स्‍क्रब बनाकर त्‍वचा पर स्‍क्रबिंग करने से त्‍वचा में निखार आता है।

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