चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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सेक्टर-32 PG घटना के बाद जागा चंडीगढ़ प्रशासन, मनदीप सिंह बराड़ ने दिए ये निर्देश

  • चंडीगढ़ में अवैध रूप से चल रहे पीजी पर प्रशासन कसेगा शिंकजा, तैयारी शुरू
चंडीगढ़: शहर के सेक्टर-32D स्थित एक अवैध रूप से चलाये जा रहे पीजी में बीते शनिवार को आग की भीषण घटना ने चंडीगढ़ प्रशासन को जगा भी दिया हैं और हिला भी दिया है यही कारण है कि अब चंडीगढ़ प्रशासन अवैध रूप से चल रहे पीजी पर शिंकजा कसने की तैयारी में जुट गया है|जहां इसी बाबत सोमवार को जिला उपायुक्त आईएएस मनदीप सिंह बराड़ ने SDM और UT प्रशासन के अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक की है और उन्हें निर्देश जारी किये हैं|
बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश मिले हैं कि वह अपने क्षेत्रों में निरीक्षण करें और पता लगाए कि कहाँ कहाँ पर अवैध पीजी हैं और जहां भी अवैध पीजी पाए जाएं उनपर तत्काल बनती कार्रवाई की जाये|बतादें कि, निरीक्षण करने के लिए टीमों का गठन किया जायेगा|इन टीमों में विभिन्न प्रासंगिक विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।इसके अलावा, सभी एसडीएम विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस (आरडब्ल्यूए) के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों के साथ अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में एक बैठक कर प्रतिष्ठानों और गलत संस्थाओं के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
डीसी ने कहा कि वर्तमान में अतिथि आवास का भुगतान करने के लिए दिशानिर्देश केवल एक बार पंजीकरण के लिए प्रदान करते हैं।डीसी ने निरीक्षण के बाद सालाना इन पंजीकरणों को नवीनीकृत करने के लिए एस्टेट ऑफिस को आज ही एक प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया|उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि एस्टेट ऑफिस को उन सभी संस्थाओं के त्वरित पंजीकरण के लिए एक सुगम तंत्र की व्यवस्था करनी चाहिए जो कानूनी रूप से अतिथि आवास के रूप में खुद को पंजीकृत करना चाहते हैं।
डीसी ने आगे कहा कि एस्टेट ऑफिस हेल्पलाइन नंबर 1860-1802067 के साथ एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा जहां कोई भी नागरिक कॉल कर सकता है और किसी भी अवैध भुगतान करने वाले अतिथि की जानकारी प्रदान कर सकता है।यह कॉल सेंटर कानून के अनुसार तत्काल आवश्यक कार्रवाई के लिए शिकायतों को तुरंत संबंधित एसडीएम को भेजेगा।
उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि एस्टेट ऑफिस तुरंत किसी भी भुगतान करने वाले अतिथि आवास में फायर एनओसी और समय-समय पर अग्नि निरीक्षण अनिवार्य करने का प्रस्ताव ले जाएगा ताकि जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।इसके अलावा, सभी किरायेदारों को पुलिस के साथ पंजीकृत होना चाहिए जो नियमित रूप से चेक किया जाएगा और एक विशेष घर में किरायेदारों की संख्या के बारे में डेटा एकत्र करेगा। एसएसपी, चंडीगढ़ संबंधित एसडीएम के साथ किरायेदारों / मेहमानों की किसी भी असामान्य संख्या का डेटा साझा करेगा और कानून के अनुसार उनके खिलाफ स्वतंत्र कार्रवाई भी करेगा।

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