Martyrdom of Sri Guru Tegh Bahadur

हिंदू धर्म के रक्षक श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से एक दिन पहले उन्हें डराने के लिए चांदनी चौंक में उनके सिख भाई मति दास जी को आरे से दो टुकड़े कर दिए गए,भाई सती दस जी को रुई में लपेट जिंदा जलाया गया, भाई दयाल जी को देग में उबाल कर शहीद किया गया। उनकी शहादत को बारम्बार प्रणाम 

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होली पर मेहमानों को खिलाएं मीठी कचौड़ी


होली पर मेहमानों को खिलाएं मीठी कचौड़ी



होली के दिन घर की महिलाएं स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों के मामले में किसी अन्‍य से पीछे नहीं रहना चाहतीं। हम भी यही चाहते हैं कि आप होली पर अपने परिवार वालों को वह बना कर खिलाएं जिसे और किसी ने बनाने की सोचीं भी न हों। तो दोस्‍तो बिना देर करते हुए आज हम आपको बनाना सिखाएगें मीठी कचौड़ी। आइये देखते हैं इसको बनाने की विधी- सामग्री- 250 ग्राम आंटा, 1 टेबलस्‍पून बेसन, 1 टेबलस्‍पून घी, आंटा गूथने के लिए पानी, तेल तलने के लिए। भरने के लिए- 100 ग्राम चीनी का बूरा, 150 ग्राम खोया, 100 ग्राम कसे हुए मेवे, 1/4 ग्राम इलायची के दाने। केसर सीरप- 250 ग्राम चीनी, 250 एमएल पानी, 1/2 टीस्‍पून केसर पानी में भिगोया हुआ। विधी- सबसे पहले आंटे और बेसन को एक कटोरे में डालें और उंगलियों में थोडा थोडा घी लगाते हुए पानी डाल कर आंटा गूथें। गूथे हुए आंटे को 15 मिनट तक के लिए कपड़े से ढांक कर ठंडा होने तक के लिए रख दें। उसके बाद एक कटोरे में सारी भरावन सामग्री को एक साथ मिला कर रख लें। इसी तरह केसर के सीरप को बनाने के लिए चीनी और पानी को पांच मिनटों तक उबालें और उसमें केसर मिला कर घोल तैयार कर लें। अब आंटे को लें और उसे 4 इंट तक गोल बेल लें और उसमें सारी भरावन सामग्री मिला लें। पानी लगा कर सील को बंद कर दें। तेल गरम करें और उसमें कचौडि़यों को गोल्‍डन ब्राउन होने तक डीप फ्राइ करें। कचौड़ी को बीच से तोड़े और उसमें एक बड़ा चम्‍मच केसर सीरप डाल कर सर्व करें।



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