चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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होली पर मेहमानों को खिलाएं मीठी कचौड़ी


होली पर मेहमानों को खिलाएं मीठी कचौड़ी



होली के दिन घर की महिलाएं स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों के मामले में किसी अन्‍य से पीछे नहीं रहना चाहतीं। हम भी यही चाहते हैं कि आप होली पर अपने परिवार वालों को वह बना कर खिलाएं जिसे और किसी ने बनाने की सोचीं भी न हों। तो दोस्‍तो बिना देर करते हुए आज हम आपको बनाना सिखाएगें मीठी कचौड़ी। आइये देखते हैं इसको बनाने की विधी- सामग्री- 250 ग्राम आंटा, 1 टेबलस्‍पून बेसन, 1 टेबलस्‍पून घी, आंटा गूथने के लिए पानी, तेल तलने के लिए। भरने के लिए- 100 ग्राम चीनी का बूरा, 150 ग्राम खोया, 100 ग्राम कसे हुए मेवे, 1/4 ग्राम इलायची के दाने। केसर सीरप- 250 ग्राम चीनी, 250 एमएल पानी, 1/2 टीस्‍पून केसर पानी में भिगोया हुआ। विधी- सबसे पहले आंटे और बेसन को एक कटोरे में डालें और उंगलियों में थोडा थोडा घी लगाते हुए पानी डाल कर आंटा गूथें। गूथे हुए आंटे को 15 मिनट तक के लिए कपड़े से ढांक कर ठंडा होने तक के लिए रख दें। उसके बाद एक कटोरे में सारी भरावन सामग्री को एक साथ मिला कर रख लें। इसी तरह केसर के सीरप को बनाने के लिए चीनी और पानी को पांच मिनटों तक उबालें और उसमें केसर मिला कर घोल तैयार कर लें। अब आंटे को लें और उसे 4 इंट तक गोल बेल लें और उसमें सारी भरावन सामग्री मिला लें। पानी लगा कर सील को बंद कर दें। तेल गरम करें और उसमें कचौडि़यों को गोल्‍डन ब्राउन होने तक डीप फ्राइ करें। कचौड़ी को बीच से तोड़े और उसमें एक बड़ा चम्‍मच केसर सीरप डाल कर सर्व करें।



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