चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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होली में लोग इस कदर रंगों में सराबोर हो जाते हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये रंग आपके चेहरे व बालों के लिए कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए होली खेलने से पहले व बाद में आपकी त्वचा को खास ख्याल की जरूरत होती है। होली खेलने के बाद भी त्वचा बहुत रुखी हो जाती है। आईए जानें होली पर कैसे रखें अपनी त्वचा का खास ख्याल।
होली खेलने से पहले अपने हाथ-पैर, चेहरे, और शरीर पर अच्छे से नारियल तेल या बॉडी लोशन लगा लें।
बालों को रंगों से बचाने के लिए नारियल तेल या जैतून के तेल अच्छे से लगाएं।
रंग खेलने के बाद नहाने के लिए मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग कर सकते हैं। त्वचा पर भिगोई हुई मुल्तानी मिट्टी लगाएं और थोड़ी देर सूखने दें। फिर उसे धो लें। इससे रंग छुड़ाने में काफी मदद मिलेगी।
संभव हो तो बालों को रंगो से बचाने के लिए बालों को ढककर होली खेलें।
होली में रंग रोमछिद्रों में चले जाते हैं। ऐसे में आप चेहरे पर भाप ले सकती हैं जिससे रोमछिद्र खुल जाएंगे और रंग आसानी से निकल जाएगा।
बालों से रंग निकालने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शैंपू के बाद कंडीशनर लगाना नहीं भूलें।
रंग खेलने के बाद नहाने के लिए गर्म पानी की बजाय ठंडे पानी का इस्तेमाल करें।
रंग छुडाने के लिए आप उबटन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे त्वचा को कोई नुकसान भी नहीं होगा। उबटन के लिए बेसन में नींबू व दही मिलाकर उबटन बना लें और धीरे-धीरे रगड़ें। रंग आसानी से छूट जाएगा।
सिर से जितना सूखा रंग झाड़ सकते हैं, निकाल दें। उसके बाद सूखे, मुलायम कपड़े से रंग साफ कर लें। रंगों को आहिस्ता से छुड़ाएं, ज्यादा जोर से रगडऩे पर त्वचा में जलन होने लगती है और अधिक रगड़ से त्वचा छिल भी जाती है।
नींबू का रस और दही मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे लगाकर रंग छुड़ाएं फिर नहा लें। इससे भी रंग उतर सकता है।
नारियल के तेल या दही से त्वचा को धीरे-धीरे साफ कर सकते हैं।
बालों से रंग निकालने के लिए बेसन या दही-आंवले (एक रात पहले भिगोकर रखे आंवले) से भी सिर धो सकते हैं। इसके बाद बालों में शैंपू करें।
नहाने के बाद त्वचा रुखी हो जाती है ऐसे में चेहरे पर मॉइश्चराइजर और हाथ-पैरों में बॉडी लोशन लगाएं ।

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