'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' : 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में : #Razakar – Silent Genocide of Hyderabad at the 55th International Film Festival of India

इतिहास ने वैश्विक मंच पर छाप छोड़ी: 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए नामांकित " यटा सत्यनारायण"   55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज हुई है। प्रसिद्ध निर्देशक यटा सत्यनारायण को उनकी पहली फिल्म 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए नामांकित किया गया है। फिल्म की कहानी और महत्व 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' भारतीय इतिहास के एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण अध्याय पर आधारित है। फिल्म ने हैदराबाद के विभाजन और उसके दौरान हुई हिंसाओं को सजीव रूप से चित्रित किया है। सत्यनारायण ने अपनी उत्कृष्ट निर्देशन क्षमता के जरिए इस ऐतिहासिक घटना को एक वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है। यटा सत्यनारायण की प्रतिक्रिया नामांकन पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए यटा सत्यनारायण ने कहा, "यह मेरे लिए और मेरी पूरी टीम के लिए गर्व का क्षण है। 'रज़ाकार' सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह हमारी ऐतिहासिक सच्चाइयों को दुनिया के सामने लाने का एक प्रयास है। मुझे ख

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पत्नी के लिए दोबारा जीना चाहते थे इरफान खान, इंटरव्यू में कही थी ऐसी बातें


 इरफान खान का 54 की उम्र (Irrfan Khan) में निधन हो गया है. उन्होंने कुछ समय पहले ही दिए अपने इंटरव्यू में कई बातें शेयर की थीं.


मुंबई. बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) का निधन हो गया है. वो 54 साल के थे और काफी समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे. इरफान खान की तबीयत अचानक खराब हो गई थी, जिस वजह से उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल (Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital) में भर्ती कराया गया था. काई घंटों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद बुधवार 29 अप्रैल को उनके निधन की खबरें आई हैं. वो अपनी सेहत को लेकर काफी समय से परेशान थे लेकिन वो एक फाइटर थे. उन्होंने कैंसर से जंग जीतने की इच्छा जाहिर करते हुए एक इंटरव्यू में कहा था कि वो अपनी पत्नी के लिए जिंदा रहना चाहते हैं.

इरफान खान (Irrfan Khan) ने इसी साल मार्च महीने में मुंबई मिरर को एक इंटरव्यू दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरे लिए ये दौर रोलर-कोस्टर राइड जैसा रहा, जिसमें हम थोड़ा रोए और ज्यादा हंसे. उन्होंने कहा कि इस दौरान मैं बहुत ही भयंकर बेचैनी से गुजरा, लेकिन कहीं न कहीं मैंने उसे कंट्रोल किया. ऐसा लग रहा था मानो कि आप लगातार अपने साथ हॉपस्‍कॉच खेल रहे हों.

एक्टर ने कहा था कि इस वक्त को मैंने अपनों के लिए जिया. इसमें सबसे अच्छी बात ये थी कि मैंने बेटों के साथ बहुत वक्त बिताया. उनको बढ़ा होते देखा. टीनएज के लिए ये बहुत ही अहम वक्त होता है, जैसे मेरा छोटा बेटा है, बड़ा वाला अब टीनएज नहीं रहा. पत्नी के बारे में सुतापा सिकदर (Sutapa Sikdar) के बारे में बाते करते हुए उन्होंने कहा कि सुतापा के बारे में क्या कहूं? वो मेरे लिए सातों दिन 24 घंटे खड़ी रही. मेरे देखभाल की और उनके कारण मुझे बहुत मदद मिली. इरफान ने कहा कि मैं अभी तक हूं, इसकी वो एक बड़ी वजह है और अगर मुझे जीने का मौका मिलेगा, मैं उसके लिए जीना चाहूंगा.



हाई ग्रेड न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से जूझ रहे थे. वो इससे रिकवर करने की कोशिश में लगे हुए थे. इसी बीच उनकी मां के निधन की खबर आई और तुरंत ही इरफान की हालत बिगड़ने की चर्चाएं शुरू हो गईं. इरफान के रूप में इंडस्ट्री ने एक बेहतरीन इंसान और एक बेहद टैलेंटेड एक्टर को खो दिया है. इस खबर ने फिल्म इंडस्ट्री से लेकर उनके फैंस तक सभी को हिलाकर रख दिया है.

Source by: News18

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