'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' : 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में : #Razakar – Silent Genocide of Hyderabad at the 55th International Film Festival of India

इतिहास ने वैश्विक मंच पर छाप छोड़ी: 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए नामांकित " यटा सत्यनारायण"   55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज हुई है। प्रसिद्ध निर्देशक यटा सत्यनारायण को उनकी पहली फिल्म 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए नामांकित किया गया है। फिल्म की कहानी और महत्व 'रज़ाकार - साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' भारतीय इतिहास के एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण अध्याय पर आधारित है। फिल्म ने हैदराबाद के विभाजन और उसके दौरान हुई हिंसाओं को सजीव रूप से चित्रित किया है। सत्यनारायण ने अपनी उत्कृष्ट निर्देशन क्षमता के जरिए इस ऐतिहासिक घटना को एक वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है। यटा सत्यनारायण की प्रतिक्रिया नामांकन पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए यटा सत्यनारायण ने कहा, "यह मेरे लिए और मेरी पूरी टीम के लिए गर्व का क्षण है। 'रज़ाकार' सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह हमारी ऐतिहासिक सच्चाइयों को दुनिया के सामने लाने का एक प्रयास है। मुझे ख

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*'मांसपेशियों' के दर्द का सही इलाज है व्यायाम :-*

*'मांसपेशियों'  के दर्द का सही इलाज है व्यायाम :-*

आज की व्यस्त और भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मांसपेशियों में दर्द एक आम समस्या है. अब तो यह 30 साल से ही शुरू होने लगा है l शुरू मे यह दर्द कभी-कभी सताता है, फिर हम इससे स्थायी रूप से परेशान रहते हैं।

 इसका सबसे बड़ा कारण है जीवन के शुरू के सालों मे लग भग 30 साल तक गलत तरीके से बार-बार उठना, बैठना, झुकना या सामान उतारना और रखना।

यह अनियमित जीवन शैली और गलत खान-पान इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है. शुरू के 30 सालों मे शरीर को पर्याप्त मात्रा में  कैल्शियम, Lubrication, Grease नहीं मिलने से हड्डियां वह जोड़ कमजोर हो जाती हैं.
*30 साल की उम्र के बाद गलत ढंग से वजन उठाना, जैसे पानी की बाल्टी etc कमर व घुटने में दर्द जैसी समस्या को और बढ़ा देता है।*

पेट बढ़ने से रीढ़ पर तनाव बढ़ता है, जिससे कमर दर्द शुरू हो जाता है. अचानक झुकने, वजन उठाने, झटका लगने, गलत तरीके से उठने-बैठने और सोने बस यही कमर दर्द या मांसपेशियों का दर्द होने की प्रमुख वजह है।

*फिर व्यायाम भी ना करना, इस तकलीफ को और ज्यादा कर देता है l*

ऊबड़-खाबड़ रास्तों में तेज ड्राइविंग से भी रीढ़ की डिस्क प्रभावित होती है.

कठोर श्रम या चोट तो कारण हो सकता ही हैl थकान या मांसपेशियों में चोट, इन्फ्लूएंजा, लाइम डिजीज, मलेरिया, डेंगू, मांसपेशी का फोड़ा तथा संक्रमण की वजह से भी दर्द हो सकता है।

*इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन जैसे-पोटैशियम या कैल्शियम की मात्रा बहुत कम होना भी इसका कारण हो सकता है।*

*अपनी दिनचर्या में मांसपेशियों के दर्द से परेशान लग भग 95% लोग व्यायाम से ठीक हो सकते हैं।*

कुछ सुझाव - - 

1. *इसकी दवाओं  के उपयोग की जगह व्यायाम करें और दिनचर्या सुधारें.*
2. *सुबह में दूध, दिन मै ताजे फल, रात को सिर्फ़ सब्जियां ही भोजन मै ले.*
3.  *एक-दो घंटे तक कार्य करने के बाद थोड़ा आराम करें तथा टहलें।*
4. *एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठकर काम न करें.
5. *मोटापा को नियंत्रित करें।*
6. *सफेद Sugar से 100 % दूरी रखें l* शक्कर गुर शहद ही मीठे के लिए ले. 

6., *Gym में प्रशिक्षित ट्रेनर की देखरेख में ही व्यायाम करें.*
7. *कोल्ड ड्रिंक का बिल्कुल सेवन न करें. यह आपके शरीर के कैल्शियम को ठीक से पचने नहीं होने देता है।*
8. *Pain Killers, दर्द निवारक दवाओं का उपयोग कम से कम करें। यह किडनी को प्रभावित कर सकता है l*
9. *नहाते समय अपनी मास पेशियों को अच्छे से मर्दन कर के नहाए l*
10. *सप्ताह में इक बार मालिश की आदत डाल ले l*

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#drtarunkumargarg 

📌हर्षित भारत, स्वस्थ भारत 🚩
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