जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी - आरती (Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri)

  जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी । सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती । कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती । धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे । मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी । आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों । बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता, भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी । [खड्ग खप...

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*'मांसपेशियों' के दर्द का सही इलाज है व्यायाम :-*

*'मांसपेशियों'  के दर्द का सही इलाज है व्यायाम :-*

आज की व्यस्त और भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मांसपेशियों में दर्द एक आम समस्या है. अब तो यह 30 साल से ही शुरू होने लगा है l शुरू मे यह दर्द कभी-कभी सताता है, फिर हम इससे स्थायी रूप से परेशान रहते हैं।

 इसका सबसे बड़ा कारण है जीवन के शुरू के सालों मे लग भग 30 साल तक गलत तरीके से बार-बार उठना, बैठना, झुकना या सामान उतारना और रखना।

यह अनियमित जीवन शैली और गलत खान-पान इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है. शुरू के 30 सालों मे शरीर को पर्याप्त मात्रा में  कैल्शियम, Lubrication, Grease नहीं मिलने से हड्डियां वह जोड़ कमजोर हो जाती हैं.
*30 साल की उम्र के बाद गलत ढंग से वजन उठाना, जैसे पानी की बाल्टी etc कमर व घुटने में दर्द जैसी समस्या को और बढ़ा देता है।*

पेट बढ़ने से रीढ़ पर तनाव बढ़ता है, जिससे कमर दर्द शुरू हो जाता है. अचानक झुकने, वजन उठाने, झटका लगने, गलत तरीके से उठने-बैठने और सोने बस यही कमर दर्द या मांसपेशियों का दर्द होने की प्रमुख वजह है।

*फिर व्यायाम भी ना करना, इस तकलीफ को और ज्यादा कर देता है l*

ऊबड़-खाबड़ रास्तों में तेज ड्राइविंग से भी रीढ़ की डिस्क प्रभावित होती है.

कठोर श्रम या चोट तो कारण हो सकता ही हैl थकान या मांसपेशियों में चोट, इन्फ्लूएंजा, लाइम डिजीज, मलेरिया, डेंगू, मांसपेशी का फोड़ा तथा संक्रमण की वजह से भी दर्द हो सकता है।

*इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन जैसे-पोटैशियम या कैल्शियम की मात्रा बहुत कम होना भी इसका कारण हो सकता है।*

*अपनी दिनचर्या में मांसपेशियों के दर्द से परेशान लग भग 95% लोग व्यायाम से ठीक हो सकते हैं।*

कुछ सुझाव - - 

1. *इसकी दवाओं  के उपयोग की जगह व्यायाम करें और दिनचर्या सुधारें.*
2. *सुबह में दूध, दिन मै ताजे फल, रात को सिर्फ़ सब्जियां ही भोजन मै ले.*
3.  *एक-दो घंटे तक कार्य करने के बाद थोड़ा आराम करें तथा टहलें।*
4. *एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठकर काम न करें.
5. *मोटापा को नियंत्रित करें।*
6. *सफेद Sugar से 100 % दूरी रखें l* शक्कर गुर शहद ही मीठे के लिए ले. 

6., *Gym में प्रशिक्षित ट्रेनर की देखरेख में ही व्यायाम करें.*
7. *कोल्ड ड्रिंक का बिल्कुल सेवन न करें. यह आपके शरीर के कैल्शियम को ठीक से पचने नहीं होने देता है।*
8. *Pain Killers, दर्द निवारक दवाओं का उपयोग कम से कम करें। यह किडनी को प्रभावित कर सकता है l*
9. *नहाते समय अपनी मास पेशियों को अच्छे से मर्दन कर के नहाए l*
10. *सप्ताह में इक बार मालिश की आदत डाल ले l*

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📌हर्षित भारत, स्वस्थ भारत 🚩
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