चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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सेक्टर 25 की झुग्गियों में लगी आग।

 सेक्टर 25 की झुग्गियों में लगी आग।



चंडीगढ़- सुरजीत कुमार सेक्टर-25 की झुग्गियों में आज दोपहर आग लग गई। आग म जानमाल का कोई नुक्सान नहीं हुआ लेकिन दर्जन भर से अधिक झुग्गियों में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।  सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम  ने कड़ी मशक्कत करते हुए करीब एक घंटे में आग पर काबू पा लिया है। दमकल विभाग कर्मियों ने बताया कि आग लगने के बारे में अभी जांच चल रही है।

हादसा शनिवार दोपहर दो बजे का है। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि एक झुग्गी में रखे हुए सिलेंडर चूल्हे पर बच्चे कुछ बनाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान उनसे गैस खुली रह गई और आग लग गई। इसके बाद आग वहां मौजूद अन्य झुगियों तक फैल गई। मौके पर सेक्टर-17 से एक और सेक्टर-38 फायर स्टेशन से चार गाड़ियों मौके पर आग बुझाने के लिए पहुंची। आग पर दमकल कर्मियों और स्थानीय लोगों की मदद से एक घंटे में ही काबू पा लिया गया। वहीं इस आग से कितना नुकसान हुआ है, इसकी जांच भी की जा रही है।



 

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