चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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मोर्नी हिल्स-टिक्कर ताल, हरियाणा टूरिज्म पंचकूला

 

बहुत सुन रखा था मोर्नी हिल्स के बारे में, तो मेरा भी बहुत मन था वहां जाने का, मुझे पहाड़ों मुझे पहाड़ देखना बहुत पसंद है, तो हमने कुछ दोस्तों के साथ सुबह का प्लान बनाया| हमें अपने टू व्हीलर्स पर मॉर्निंग घूमने निकल जाए चंडीगढ़ से इसकी दूरी 45 किलोमीटर है सुबह-सुबह टू व्हीलर्स पर जाने का मजा ही कुछ और है रास्ते में हरे-भरे पहाड़ों, पेड़-पौधों, हरियाली और उगते सूरज को देख कर मन बहुत खुश हो गया मोनी की सुंदरता उसके पहाड़ और हरियाली है, मोरनी हिल्स की जान है हरियाणा टूरिज्म पंचकूला का टिक्कर ताल यह एक झील है, जो पहाड़ों के बीच बीच है यहां लेक व्यू प्वाइंट सबसे खास है जहां पहाड़ों और  लेक दोनों का बहुत अच्छा है, यहां काफी शांति और सुकून है, यहां रेस्टोरेंट्स रहने के लिए रिसोर्ट वोटिंग के भी ऑप्शन है यदि आप पहाड़ों के व्यू देखने प्रकृतिक प्रेमी है और कम समय में वीकेंड प्लान कर रहे हैं तो यहां जरूर जाएं


स्टोरी: मनसा राम













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