चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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कुलदीप मेहरा बने संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता

 संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय महामंत्री और केंद्रीय सामाजिक एवं आधिकारिक मंत्रालय के सदस्य श्री सूरजभान कटारिया ने संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद माननीय श्री दुष्यन्त कुमार गौतम जी, महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरेश राठौर जी की सहमति से चंडीगढ़ से रविदासिया समाज में अपना विशेष स्थान रखने वाले, पर्यावरण मित्र एवं समाजसेवी कुलदीप मेहरा को संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया। इसके साथ ही उनको चंडीगढ़ प्रदेश का प्रभारी भी लगाया गया ताकि गुरु रविदास विश्व महापीठ को ओर अधिक सक्रिय बनाया जा सके।

इस सम्मान के लिए पर कुलदीप मेहरा ने संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के महापीठाधीश्वर पूजनीय संत सरवणदास जी महाराज एवं पीठाधीश्वर संत सतविंदर हीरा जी महाराज से फोन पर बातकर आशीर्वाद लिया एवं महापीठ के सभी शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद किया। उनको यह भी विश्वास दिलाया कि वह इस सम्मानित धार्मिक संगठन के लिए सदैव निष्ठापूर्वक कार्य करेंगे एवं संत श्री गुरु रविदास महाराज जी की विचारधारा से जोड़ने के लिए समाज में हमेशा प्रयत्नशील करता रहूंगा तथा गुरु जी की शिक्षाओं के प्रकाश एवं समाज के भीतर सामाजिक समरसता का निर्माण, सामाजिक बुराई धर्म परिवर्तन को रोकने और सतगुरु जी की ज्ञान और वाणी समाज के जन-जन तक पहुंचाने में सक्रियता से सहयोग करूंगा। इतने बड़े धार्मिक संगठन में उनकी इस नई जिम्मेदारी के लिए शहर के कईं धार्मिक संघठनों ने कुलदीप मेहरा को फोनकर बधाई दी।
कुलदीप मेहरा यहाँ चंडीगढ़ में पिछले 20 वर्षों से ज्यादा समय से रह रहे है। वह अनुसूचित जाति वर्ग में अपना विशेष स्थान तो रखते ही हैं इसके अलावा दलितोत्थान से सम्बंधित समाज सेवा के कार्यों में बढ़चढ़ कर शामिल होते है। उनको वर्ष 2014 कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली में सविंधान दिवस पर में दलितोत्थान के लिए बाबू जगजीवन राम राष्ट्रीय सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनको यह सम्मान सर्वोच्च न्यायालय के 37वें न्यायमूर्ति पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं उस समय के मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन माननीय श्री के.जी. बालकृष्णन जी ने दिया था। इसके इलावा भी उनको कईं संस्थाओं ने सम्मानित किया हुआ है। उन्होंने मेहरा एनवायरनमेंट एंड आर्ट फाउंडेशन चंडीगढ़ के नाम से एक संस्था बनाई हुई है जो 2005-06 से चंडीगढ़ में पर्यावरण को स्वस्थ सुरक्षित एवं सुंदर बनाने के लिए के निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में पिछले दो-तीन वर्षों में अब तक 2 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे भी लगा दिये।

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