चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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क्राइस्ट द किंग चर्च मे मनाया गया गणतंत्र दिवस: Christ The King Church, Chandigarh

 क्राइस्ट द किंग चर्च मे मनाया गया गणतंत्र दिवस



चंडीगढ़: गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर क्राइस्ट द किंग चर्च मे परंपरा के अनुसार लॉरेंस मलिक ने तिरंगा फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और देश की शांति व ऐकता के प्राथना की गई। 
लॉरेंस मलिक ने कहा कि गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है, जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सन् 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि हम सभी का फर्ज बनता है कि हम सभी देश मे एकता और अखंडता बनाए रखें।इस मौक़े पर सैम्यूअल गिल ,प्रमोद कुमार, दीपक कश्यप,राजन, लवलीन और साहिल भट्टी हाज़िर रहे।

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