चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में कोरोनावायरस वैक्सीनेशन की शुरुआत: Covid vaccine rollout at Fortis Hospital Mohali






मोहाली, 19 जनवरी, 2021: फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने अपने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान के साथ आज तीन टीकाकरण स्थलों के साथ शुरुआत की। इस दौरान कुल 100 डॉक्टरों, नर्सों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई।  

इससे पहले 16 जनवरी को पूरे भारत में कोविड टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में हेल्थकेयर वर्कर्स भी वैक्सीन के शॉट्स पाने के लिए अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आईपीडी  लॉबी में तीन काफी बड़े सुइट्स को तैयार किया है। सरकार के दिशा-निर्दशों के अनुसार नर्सों, डॉक्टरों, एचआर प्रतिनिधियों, सुरक्षा कर्मियों और क्लीनिकल फार्मासिस्ट्स की एक समर्पित टीम को इस अभियान को सचालित करने के लिए विशेष रू प से प्रशिक्षित किया गया है। इस अवसर पर पंजाब के प्रिंसीपल सैक्रेटरी हेल्थ हुसन लाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।

डॉ.अमित कुमार मंडल, डायरेक्टर, पल्मोनोलॉजी, स्लीप एंड क्रिटिकल केयर, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली जिन्हें फोर्टिस में पहला वैक्सीन लगाई गई, इस मौके पर कहा कि कोविड वैक्सीन के बारे में काफी अधिक चर्चा और बहस हुई है। जबकि ये समय साहस दिखाने और सुरक्षित रहने के लिए आगे आने का है। इस वायरस से प्रतिरक्षा प्राप्त करने के दो तरीके हैं- एक संक्रमित होने के बाद रिकवरी प्राप्त कर लेना और दूसरा इसकी वैक्सीन लगवाना और इम्युनिटी को विकसित करना, जो कि एक अधिक समझदारी भरा विकल्प है।

नर्सिंग, पैरा-मेडिकल और गैर-मेडिकल कर्मचारियों के जिन प्रतिनिधियों को टीका लगाया गया उनमें सरबजीत कौर बराड़, जीआईसीयू इंचार्ज, दलजीत सिंह, लैब टैक्नीशियन, अनुरूप सहगल, आईटी हेड और डॉ.भावना आहुजा, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट शामिल हैं।

डॉ.स्वप्ना मिश्रा, एडीशनल डायरेक्टर, ऑब्सेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी को दूसरा और कई अन्य सीनियर डॉक्टर भी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आए।

डॉ. परविंदर चावला, सीनियर कंसल्टेंट, इंटर्नल मेडिसन, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने कहा कि जैसा कि दुनिया कोविड-19 महामारी के दूसरे वर्ष में प्रवेश कर रही है, और इस मौके पर हम इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं। 50 साल पहले, लगभग हर परिवार किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में जानता था जो या चेचक या पोलियो से मर गया था या उससे प्रभावित था। आज, ये बीमारियां सिर्फ प्रभावी टीकाकरण अभियान के कारण हमारे आसपास नहीं दिखती हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि कोविड संबंधित वैक्सीनों को भी उसी तरह से लोग स्वीकार करेंगे और कोविड वायरस का भी वहीं प्रभावी समाधान और वैक्सीन का सफल परिणाम प्राप्त होगा।

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