चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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महिला सुंदरकांड सभा ने वार्षिक उत्सव के उपलक्ष पर वितरित किए जरूरतमंद, असहाय, गरीब लोगों को नि:शुल्क नज़र के चश्में : Mahila Sundar Kand Sabha Nari, Chandigarh, Chandigarh - 160001, Sector 40 B, Near Gurudwara, Near Electricity Board

\महिला सुंदरकांड सभा ने वार्षिक उत्सव के उपलक्ष पर वितरित किए जरूरतमंद, असहाय, गरीब लोगों को नि:शुल्क नज़र के चश्में

मंदिर में सेल्फ स्टडीज लाईब्रेरी का किया शुभारंभ



चंडीगढ़ 16 जनवरी 2021: महिला सुंदरकांड सभा(रजि.), चंडीगढ़ की ओर से सेक्टर 40 स्थित श्रीहनुमंत धाम मंदिर में वार्षिक उत्सव समापन समारोह के उपलक्ष पर सभा की अध्यक्ष नीना तिवाड़ी के नेतृत्व में जरूरतमंद, असहाय, गरीब लोगों को 300 नि:शुल्क नज़र के चश्में वितरित किए।

कार्यक्रम से पूर्व, सभा द्वारा मंदिर परिसर में श्रीहनुमान जी की पूजा अर्चना व संकीर्तन किया गया जिसके बाद सभा की अध्यक्ष नीना तिवाड़ी ने जरूरतमंद गरीब लोगों
को उनकी कमजोर आंखों के लिए नि:शुल्क चश्में वितरित कि ए। इस अवसर मंदिर में सेल्फ स्टडीज लाईब्रेरी का किया शुभारंभ भी किया गया जिसमें विद्यार्थीगण एक शांत वातावरण में पढ़ सकते हैं।

महिला सुंदरकांड सभा तथा श्रीहनुमंत धाम मंदिर की अध्यक्ष नीना तिवाड़ी ने बताया कि श्रीहनुमंत धाम मंदिर में वार्षिक उत्सव पिछले कई वर्षो से मनाते आ रहे हैं। यह कार्यक्रम 20 दिन तक मंदिर प्रांगण में आयोजित किया जाता है जिसके पश्चात् भण्डारे का आयोजन किया जाता था लेकिन इस वर्ष कोविड-19 के कारण इस उत्सव को सभा ने एक नये अंदाज में मनाने का निर्णय लिया गया जिसके तहत जरूरतमंद गरीब लोगों को नि:शुल्क चश्में वितरित कि ए। सभा द्वारा सदैव सामाजिक व कल्याणकारी दायित्व का निर्वाह करते हुए इस वर्ष यह कार्यक्रम जरूरतमंद, असहाय व गरीब तबके के लोगों को समर्पित किया गया। हांलाकि यह सभा का एक छोटा सा प्रयास है। नजर के चश्में का दान महादान के रूप में माना जाता है।

उन्होंने बताया कि श्रीहनुमंत धाम मंदिर में वार्षिक उत्सव स्थापना दिवस के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है जिससे लोगों को एक नई ऊर्जा मिलती है क्योंकि पंचमुखी वीर हनुमान जी प्रत्येक व्यक्ति के संकटों को क्षण भर में दूर कर देते हैं। यह पंचमुखी वीर हनुमान जी का ही आर्शीवाद है कि उन्होंने भक्तों को कोविड महामारी के प्रकोप से अभी तक बचाया है। पंचमुखी हनुमान जी के ध्यान मात्र से संकटों का नाश होता है और वैसे भी कलयुग में केवल पंचमुखी हनुमान जी ही ऐसे भगवान हैं जो कि सिंदूर चढ़ाने से क्षण भर में लोगों की मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। उन्होंने बताया कि सभा धार्मिक व सामाजिक कार्यो द्वारा लोगों की सहायता का प्रयास समय-समय पर करती रहती है।

इस अवसर पर रिटायड डायरेक्टर विजय लक्ष्मी कांसल तथा एमआईजी वेलफेयर एसोसियेशन के प्रधान श्रीखोसलाजी ने भी अपने विचार रखे और सभा के इस प्रकार के सामाजिक कार्यो की प्रशंसा की। इस अवसर पर रंजू ग्रोवर, प्रेम लत्ता, पाल शर्मा, सुदर्शन शर्मा, ऊषा सिंगला, सुमन जैन, सिंगारनी देवी, सुशीला केसर, गायत्री देवी, सरला देवी व अन्य सभा सदस्य उपस्थित थी। कार्यक्रम के अंत में सभा द्वारा चाय, बै्रड पकौडे, बिस्कुट तथा कड़ी चावला का भंडारा लगाया गया।

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