चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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जनता और प्रशासन मिलकर बनाएंगे पंचकूला को स्मार्ट सिटी- Panchkula Smart City

 

जनता और प्रशासन मिलकर बनाएंगे पंचकूला को स्मार्ट सिटी

विधान सभा अध्यक्ष ने अफसरों और पार्षदों के साथ बनाई योजना। बैठक में प्रबुद्ध नागरिक भी रहे शामिल। 

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पंचकूला को स्मार्ट सिटी बनने में आ रही बाधा अब हटने वाली है। इसके लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के नेतृत्व में शुक्रवार को प्रशासन और नवनिर्वाचित पार्षदों ने विस्तृत योजना बनाई। विधान सभा सचिवालय में आयोजित पंचकूला एडवाइजरी कमेटी की बैठक में जिला उपायुक्त मुकेश कुमार आहुजा और मेयर कुलभूषण गोयल की उपस्थिति में शहर के प्रबुद्ध नागरिकों और पार्षदों ने शहर की आवश्यकताएं और उन्हें पूरा करने के लिए अपने सुझाव रखे।
बैठक में उपस्थित जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस अफसरों ने एकजुटता से इन सुझावों को अमलीजामा पहनाने का आश्वासन दिया।
बैठक में विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने पंचकूला को स्मार्ट सिटी के लिए सात सूत्रीय फार्मूला प्रस्तुत किया, जिसका पूरी एडवाइजरी कमेटी ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। गुप्ता के सात सूत्रीय फार्मूले में शहर को अतिक्रमण, स्ट्रे डॉग, लावारिस पशु, प्रदूषण, स्लम, प्लास्टिक और नशाखोरी से मुक्त करने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि इन सात चीजों को हटाने के लिए जनता और प्रशासन की बराबर की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने नवनिर्वाचित पार्षदों और पंचकूला डेवलपमेंट एडवाइजरी कमेटी के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे इस बड़े उपक्रम के लिए जनता को तैयार करें। वहीं प्रशासन के अधिकारी भी इस विषय में योजनाबद्ध ढंग से त्वरित कार्रवाई करें।
विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि पंचकूला को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने में सबसे बड़ी बाधा यहां कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं होना रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से सेक्टर में कचरा निस्तारण प्लांट शुरू हो चुका है। इससे शहर की 40-45 साल पुरानी समस्या का हल हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था करने के लिए प्रशासन द्वारा जल्द ही सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा।

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