चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

News

कांग्रेस के पूर्वांचल सेल ने स्वामी विवेकानंद का मनाया जन्म दिवस Swami Vivekananda 12 January 1863

 कांग्रेस के पूर्वांचल सेल ने स्वामी विवेकानंद का मनाया जन्म दिवस


चंडीगढ़, 12 जनवरी 2021: स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना है। यह बात चंडीगढ़ पूर्वांचल एकता मंच तथा कांग्रेस के पूर्वांचल सेल के चेयरमैन रमेश शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस के अवसर पर कही। इस दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर के समक्ष फूल अर्पित किये और उन्हें नमन किया।

हल्लोमाजरा में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रमेश शर्मा ने उपस्थित लोगों को बताया कि स्वामी विवेकानंद भारत की उन महान विभूतियों में से एक थे, जिन्होंने देश और दुनिया को मानवता के कल्याण का मार्ग दिखाया। स्वामी जी के विचार किसी भी व्यक्ति की निराशा को दूर कर, उसमें आशा भर सकते हैं।

इस दौरान रमेश शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश भी डाला और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने की उपस्थित सभी से अपील की। इस अवसर पर रमेश शर्मा के साथ नरेंद्र राजभर, सैयद खान, मुकेश प्रताप सिंह, हरिहर ठाकुर, रमेश तिवारी, प्रमिला देवी, काजल शर्मा, श्यामा देवी, रीना देवी, उषा देवी, प्रभु राम,आकाश भी उपस्थित थे।



Comments