चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

News

सैक्टर 27 स्थित मोती राम आर्य स्कूल में चल रहे एनसीसी कैंप में आज : Moti Ram Arya School Sector 27, Chandigarh

 

 



 

 सैक्टर 27 स्थित मोती राम आर्य स्कूल में चल रहे एनसीसी कैंप में आज स्टेट लाइजन ऑफिसर विक्रम राणा को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने एनसीसी कैडेट को संबोधित किया अपने इस संबोधिन में राणा सर ने बच्चों को कहा कि उन्हें स्वामी विवेकानंद और स्वामी रामतीर्थ से शिक्षा लेनी चाहिए जिन्होंने जीवन का उच्च आदर्शवादी सिद्धांत प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज को दरअसल राष्ट्रीय एकता की मिसाल कायम करने की जरूरत है। हमारे देश में लोगों मैं अभी भी राष्ट्रीय प्रेम भावना की कमी है। जापान का उदाहरण देते हुए उन्होंने बोला कि जापान 1945 के परमाणु बम हमले में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त और तबाह हो गया था किंतु अपनी एकता और राष्ट्रीय प्रेम के चलते जापानियों ने अपने देश को फिर से एक मजबूत और शक्तिशाली देश के रूप में स्थापित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि देश ने जो आपको दिया, उसके एवज में आप देश को कितना वापस किया यह अपने आप में एक विचार करने वाला विषय है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान शिक्षा तंत्र में केवल पैसा कमाने के तौर-तरीकों को बताया और पढ़ाया जा रहा है। जबकि शिक्षा का मूल उद्देश्य महत्वपूर्ण बनना नहीं बल्कि काबिल सामाजिक प्राणी बनना है, जिसके कारण समाज और इंसान का भला हो पाए। उन्होंने कहा कि पांव जमीन पर रखते हुए, आसमान छूना चाहिए क्योंकि इंसानी तरक्की का गुणगान करने के लिए इंसान जमीन पर ही होता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में चर्चा देने वाले की होती है ना की लेने वाले की। जितना भी संभव हो पाए देने की प्रवृत्ति बनाए रखें। चाहे वह शिक्षा हो, प्रेम हो या आपसी भाईचारा। और कहा कि आदतों पर नजर रखेंगे यह चरित्र बन जाती है और चरित्र स्पष्ट होना चाहिए संदिग्ध नहीं। इसके साथ ही कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राकेश शर्मा ने भी बच्चों को अपने संबोधन में कहा कि एनसीसी का उद्देश्य देश सेवा के साथ-साथ बच्चों में आत्मविश्वास की भावना को बढ़ाना और उन्हें राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत करना है। मोती राम आर्य स्कूल की प्रिसिंपल डॉक्टर सीमा बिजी की तारीफ करते हुए उन्हें विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए उन्हें मुमैंटो दिया। साथ ही विक्रम राणा सर को भी मुमैंटो देकर सम्मानित किया।


 

Comments