चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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ट्रांसपोर्ट चौक पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एयर प्योरीफायर टाॅवर लगाने का काम शुरू हुआ

 ट्रांसपोर्ट चौक पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एयर प्योरीफायर टाॅवर लगाने का काम शुरू हुआ

 



चंण्डीगढ : से. 26 स्थित ट्रांसपोर्ट चौक पर एयर प्योरीफायर टाॅवर लगाने का काम शुरू हो गया है। ये चौक चंडीगढ़ के सर्वाधिक प्रदूषित स्थलों में से एक है। ये दावा किया जा रहा है कि इस टावर के लगने से इस चौक के आसपास की आबो-हवा साफ़ सुथरी हो जाएगी व लगभग 500  मीटर के दायरे में तापमान भी 5 से 6 डिग्री कम हो जाएगा।
चंण्डीगढ में प्रदूषण और वन विभाग के डायरेक्टर देवेंद्र दलाई (आईएफएस) की मौजूदगी में बसंत पंचमी के रोज यहां भूमि पूजन संपन्न हुआ। पायस एयर प्राईवेट लिमिटेड (Pious Air Pvt. Ltd ) नाम की कंपनी के अधिकारियों मनोज जेना व नितिन आहलुवालिया के मुताबिक ये एयर प्योरीफायर लगभग 24 मीटर ऊंचा टाॅवरनुमा ढांचा होगा जो आसपास के 500 मीटर के दायरे के वातावरण से प्रदूषित वायु को इनटेक करेगा और स्वच्छ वायु बाहर वायुमंडल में छोड़ेगा। इस पर बाकायदा डिस्प्ले भी होगा कि टाॅवर जो हवा अंदर खींच रहा है उसमें प्रदूषण की कितनी मात्रा है व जो हवा बाहर आ रही है वो कितनी शुद्ध है। उन्होंने बताया कि हमने स्थानीय अधिकारियों से एक टाॅवर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नि:शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा जिसे उन्होंने मान लिया। इसके रखरखाव का जिम्मा भी उनकी कंपनी का ही होगा। बिजली का ख़र्च प्रशासन वहन करेगा जो कि बेहद मामूली बैठेगा। ये एयर प्योरीफायर टाॅवर अप्रैल अंत तक स्थापित हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट की तमाम लागत के खर्च का वहन कंपनी ही करेगी। प्रशासन केवल इसके लिए लगभग 60 वर्ग मीटर जगह व बिजली मुहैया कराएगा। सकारात्मक नतीजे मिलने पर शहर में अन्य प्रदूषित क्षेत्रों में इन टाॅवर्स को लगाने बारे में योजना बनाई जाएगी।

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