“महिला दिवस” 2021
घर में बेटी हुई
तो कहतें हैं
लक्ष्मी आई
आज से ही हमनें घर पर खुशियां मनाई
लौग कहतें हैं कि नारी कमजोर होती है
मैं कहता हूं कि
उसके हाथ में ही तो सारे घर की डोर होती है ।
एक नारी ही तो है जिसके कई रूप हैं
और हर रूप में पूजी जाती है ।।
हर रूप में अपना फर्ज निभाती है ।
बेटी, पत्नी, माँ व दुर्गा के रूप से जानी जाती है ।
और हर ओहदे पर अपना फर्ज निभाती है ।
एक महिला ही तो है जो
उजड़े घर को महल व मंदिर भी बना देती है ।
यों ही नहीं सबसे पहले महिला पूजी जाती है ।।
अपने परिवार कि हर जिम्मेदारी निभाती है ।
अपने दुख-सुखों को अपने ही अन्दर समा जाती है ।।
यों ही नहीं नारी सबसे पहले पूजी जाती है ।
धन्य हैं वो घर जिस घर में कन्या आती है
हर एक को संस्कार सिखा जाती है ।।
नमन करता हॅू मैं हर महिलाओं को
जो महिला दिवस पर सबको याद आती है
यों ही नहीं सबसे पहले महिला पूजी जाती है ।।
यों ही नही सबसे
पहले
महिला पूजी जाती हैं
पं उपेंद्र प्रसाद भटट्,
चंडीगढ़
मु.न. 9988536347
Pandit Upender Parsad Bhatt,
House No.: 713/A, Block-C, Adarsh Nagar,
Baba balak nath mandir - Naya Gaon
Very nice line mama ji
ReplyDeleteआप के प्रोत्साहन एवं प्रशंसा का धन्यवाद
ReplyDelete