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चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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भारत VIkas परिषद दक्षिण 1 शाखा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 48 के साथ मिलकर आज सामुदायिक केंद्र सेक्टर 48 C में मुफ्त COVID टीकाकरण शिविर का आयोजन किया।

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Municipal Corporation Chandigarh Recruitment 2021

संत निरंकारी मिशन की ओर से दिल्ली में 1000 से अधिक बैडों का कोविड -19 ट्रीटमेंट सैंटर मानवता के भले के लिए सरकार को बना कर दिया जाएगा : Sant Nirankaari Mission donate 1000 Beds Covid

मार्किट वेलफेयर एसोसिएशन ने लगाया फ्री कोरोना जांच शिविर: Market Welfare Association Sector 44, Chandigarh organise Covid Test Camp

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