चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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सितम्बर माह में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना:-ज्योतिषचार्य डॉक्टर कुमार अमर

 सितम्बर माह में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना:-ज्योतिषचार्य डॉक्टर कुमार अमर

तीसरी लहर में संक्रमण तो होगा, पर मृत्यु दर रहेगी जीरो:-ज्योतिषचार्य डॉक्टर कुमार अमर

वेदाक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान भविष्य में आयोजित करेगा समाजसेवा के कार्यक्रमों की श्रृंखला



चंडीगढ़:-ज्योतिषीय गणना अनुसार सितम्बर माह में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है, संक्रमण का खतरा बरकरार रहेगा, जबकि इस बार मृत्यु दर जीरो बराबर होगी। यह बात वैदिक ज्योतिष सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर कुमार अमर ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
    ज्योतिषचार्य डॉक्टर कुमार अमर ने आगे बताया कि देशभर में कोरोना की दूसरी लहर से जिस तरह से संक्रमित मरीजों की दिनप्रतिदिन बढ़ती संख्या और मृत्यु दर देखने को मिली, उस हिसाब से तीसरी लहर में ऐसा कुछ भी देखने को नही मिलेगा। ज्योतिषचार्य कुमार अमर ने देश मे राजनैतिक परिदृश्य पर भी अपने विचार रखते हुए कहा कि राज्य और केंद्र में किसी भी पार्टी की स्थिति का सही अनुमान लगाने के लिए राजनैतिक पार्टियो की कुंडली तैयार कर सही गणना से चुनाव में पार्टी का विश्लेषण किया जाता है। वहीं उन्होंने बताया कि ज्योतिषी के पास ज्यादातर लोग विभिन्न तरह की घरेलू समस्याओं के समाधान हेतु ज्योतिष परामर्श लेने आते हैं।
उनकी संस्था का उद्देश्य लोगों को ज्योतिष से सम्बंधित सेवाएं देने के अलावा समाज के साधन विहीन लोगों के लिए शिक्षा, भोजन, गरीब कन्याओं की शादी और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति अपने दायित्व को देखते हुए वेदाक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान आने वाले समय में भी समाजसेवा के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
डॉक्टर कुमार अमर ने बताया कि उनके संस्थान की तरफ से इससे पहले देश के अन्य हिस्सों में समाजसेवा के कार्यक्रम किये जाते रहे हैं। अपनी उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए चंडीगढ़ व आसपास के क्षेत्र में भी समाज सेवा के विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। उन्होंने आगे बताया कि उनके संस्थान द्वारा गरीब कन्यायों की शादी, विधवा व जरूरतमंद महिलाओं को राशन व घरेलू सामान मुहैया करवाना, रक्तदान शिविर सहित गरीब व जरूरतमंद की सहायता इत्यादि के कार्य किये जा रहे हैं। संस्थान की ओर से कोरोना लॉकडाउन पीरियड के दौरान भी समाजसेवा के कार्य किये गए हैं। यह संस्था निकट भविष्य में ज्योतिष के क्षेत्र में रुचि  रखने वाले लोगों के लिए सही मार्गदर्शन और उनके जीवन मे उत्पन्न समस्याओं का समाधान और ज्योतिष से संबंधित कार्यशाला का आयोजन करती रहेगी।
इस अवसर पर उनके साथ संस्थान के अन्य पदाधिकारी अविशिका देसवाल, डॉक्टर रेशम लाल सहित राजेन्द्र अग्रवाल भी उपस्थित थे।

 वैदिक ज्योतिष सेवा संस्थान के बारे में:-
वैदिक ज्योतिष सेवा संस्थान की स्थापना 2017 में हुई थी। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य लोगों को ज्योतिष से संबंधित सेवाएं देना है। इस संस्था का कार्य क्षेत्र उत्तर प्रदेश एवं इसके आसपास के क्षेत्रों तक था। अब इस संस्था का विस्तार किया जा रहा है, जो पूरे उत्तर भारत मे कार्य करेगा। चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान उसमे प्रमुख है। इस संस्था के साथ लगभग 500 सदस्य जुड़े हुए हैं।

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