Martyrdom of Sri Guru Tegh Bahadur

हिंदू धर्म के रक्षक श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से एक दिन पहले उन्हें डराने के लिए चांदनी चौंक में उनके सिख भाई मति दास जी को आरे से दो टुकड़े कर दिए गए,भाई सती दस जी को रुई में लपेट जिंदा जलाया गया, भाई दयाल जी को देग में उबाल कर शहीद किया गया। उनकी शहादत को बारम्बार प्रणाम 

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विश्व उच्च रक्तचाप दिवस, अपने बीपी पर नजर रखें: डॉ अंकुर आहूजा

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस, अपने बीपी पर नजर रखें: डॉ अंकुर आहूजा
Doctor Ankur Ahuja Fortis Hospital, Mohali
Doctor Ankur Ahuja Fortis Hospital, Mohali

मोहाली, 16 मई 2021: इसे नौकरी से संबंधित तनाव कहें, सबंधों का बिखराव, जीवन का संघर्ष या वित्तीय बाधाओं से निपटना कहें, हर चीज में पूर्णता प्राप्त करने के लिए, हम अंतत: खुद पर ही बोझ डालते रहते हैं। हम अपने शरीर और दिमाग की जरूरतों को छोड़ देते हैं और यह हमेशा उच्च रक्तचाप सहित जीवनशैली संबंधी विकारों की ओर ले जाता है।

डॉ अंकुर आहूजा, एमडी, डीएम- कार्डियोलॉजी, सीनियर कंसल्टेंट- कार्डियोलॉजी° फोर्टिस हस्पताल ने विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर कहा कि तनाव या उच्च रक्तचाप (बीपी) - जिसे आमतौर पर ‘साइलेंट किलर ’ कहा जाता है- दिल के दौरे (मायोकार्डियल इन्फार्क्शन), स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, एट्रियल फाइब्रिलेशन, परिधीय धमनी रोग और महाधमनी विच्छेदन के लिए एक बड़ा खतरा है।

आंकड़े बताते हैं कि भारतीयों में उच्च रक्तचाप का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है और यह लगभग 25-30 ' आबादी को प्रभावित करता है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 2016 में 16 लाख मौतों का कारण उच्च रक्तचाप बना था। डॉ आहूजा के अनुसार, महिलाओं में उम्र बढऩे के साथ उच्च रक्तचाप होने की संभावना अधिक होती है।

डॉक्टर ने विस्तार से बताया कि कई कारक-आनुवंशिक, गतिहीन जीवन शैली, शारीरिक गतिविधि की कमी, दोषपूर्ण खाने की आदतें जैसे उच्च नमक-आहार, शराब पीना और धूम्रपान, इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। डॉ. आहूजा ने सलाह दी कि हर कुछ वर्षों में अपने बीपी की जांच करवानी चाहिए,

डॉ. आहूजा ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर उच्च रक्तचाप को काफी हद तक रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया,  हमें एक संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें सब्जियां, फल, नट्स, फलियां और पतला प्रोटीन, विशेष रूप से मछली शामिल हों। नमक का सेवन कम करें, धूम्रपान और शराब पीने से बचें। उन्होंने प्रसंस्कृत मांस का सेवन न करने और चलने, दौडऩे, बैडमिंटन, तैराकी जैसे एरोबिक व्यायाम करने की भी आवश्यकता पर भी जोर दिया। अपने वजन पर भी नजर रखें। यदि जीवन शैली में परिवर्तन अभी भी वांछित परिणाम नहीं देते हैं, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेने की आवश्यकता है। बीपी को इष्टतम स्तर तक नियंत्रित करने के लिए अक्सर कई दवाओं की आवश्यकता होती है।

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