चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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कार्यकर्ता जोड़ें' अभियान के तहत आज चंडीगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक प्रभावशाली बैठक हुई: All India congress Workers (AICW) Chandigarh Meeting

कार्यकर्ता जोड़ें' अभियान के तहत आज चंडीगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक प्रभावशाली बैठक हुई



 Chandigarh, Aug'27:(Poonam) 'कार्यकर्ता जोड़ें' अभियान के तहत आज चंडीगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक प्रभावशाली बैठक हुई। अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप सिंह बराड़ की अध्यक्षता में हुई बैठक में नई नियुक्तियां की गईं. कार्यकर्ताओं को उपाधियों से नवाजा गया। बैठक में मैडम रचना वर्मा जी राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला विंग एआईसीडब्ल्यू, तारा चंद भाटिया पंजाब अध्यक्ष, मैडम बलजिंदर कौर सचिव महिला विंग पंजाब, मैडम सीमा नागपाल, श्री बलवंत सिंह जी, वैद पटवारी जी उपाध्यक्ष पंजाब, विजय, छोटे, सोनू, बैठक के दौरान करतार सिंह, सतपाल, मान सिंह, बनवारी लाल प्रिंस, राजिंदर सिंह, अजय, शाम सिंह, सिडनी, कमलेश, राधा, संतो, सुनीता, रानी, ​​काजल आदि मौजूद थे.

 


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