चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

News

फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने मनाया विश्व रोगी सुरक्षा दिवस; सुरक्षित मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल पर जोर दिया

फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने मनाया विश्व रोगी सुरक्षा दिवस; सुरक्षित मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल पर जोर दिया



मोहाली, 17 सितंबर, 2021: फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने आज अस्पताल परिसर में विश्व रोगी सुरक्षा दिवस (डब्ल्यूपीएसडी) मनाया, ताकि सुरक्षित मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल के लिए सामूहिक प्रयास के संदेश को बढ़ावा दिया जा सके, विशेष रूप से बच्चे के जन्म के दौरान, ताकि रोगी की सुरक्षा का स्तर बढ़ाने के साथ ही प्रत्येक दिन को रोगी सुरक्षा दिवस बनाने के लिए प्रतिज्ञा को मजबूत किया गया।

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का उद्देश्य-विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों पर हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन अस्पताल सार्वजनिक जागरूकता और जुड़ाव बढ़ाना, वैश्विक समझ को बढ़ाना, वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देना और रोगी सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाते हैं। इस वर्ष के आयोजन का थीम-‘सुरक्षित मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल’ है।

रोगी सुरक्षा पर डब्ल्यूएचओ के वैश्विक अभियान का समर्थन करने के लिए, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने अन्य संबंधित गतिविधियों को आयोजित करने के साथ ही एकजुटता के उपाय के रूप में फोर्टिस टॉवर को नारंगी रंग में रोशन किया है।

फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में आयोजित डब्ल्यूपीएसडी समारोह में डॉ.श्वेता प्रभाकर, हेड क्वालिटी एंड पेशेंट सेफ्टी, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली द्वारा अपने संबोधन में डब्ल्यूपीएसडी के महत्व के बारे में भी विचार व्यक्त किए गए। उन्होंने सभी हितधारकों को ‘सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव के लिए अभी कदम उठाने’ की रणनीति से अवगत करह्वाया।

डॉ.स्वप्ना मिश्रा, डायरेक्टर, ऑबस्टेट्रिक्स एंड गाइनोकॉलोजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली, ने प्रसव के दौरान सभी महिलाओं और नवजात शिशुओं को संभावित जोखिम और नुकसान से सुरक्षा प्रदान करने के लिए देखभाल के सभी मानकों के अनुसार सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को अपनाने की पक्षधारित की। उन्होंने सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर सुरक्षित मातृ एवं नवजात शिशु की देखभाल सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर टीम पालना, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली की बर्थिंग फैसिलिटी द्वारा फॉलो की जाने वाली सर्वोत्तम प्रक्रियाओं पर डॉ. मिश्रा द्वारा तैयार किया गया एक शॉर्ट वीडियो भी दिखाया गया।

डॉ. सुनील अग्रवाल, सीनियर कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने चर्चा की कि कैसे कई हितधारकों को शामिल किया जाए और मातृ और नवजात सुरक्षा में सुधार के लिए प्रभावी और नवीन रणनीतियों को अपनाया जाए। कार्यक्रम के दौरान टीम नियोनेटोलॉजी इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) द्वारा सर्वोत्तम प्रक्रियाओं पर एक वीडियो भी दिखाया गया।

जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए टीम पालना और एनआईसीयू द्वारा डब्ल्यूपीएसडी थीम पर आधारित एक स्किट भी मंचित किया गया।

एयर मार्शल (डॉ.) आर.के. रान्याल, मेडिकल डायरेक्टर, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने भी विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के उद्देश्य पर बात की और सभी हितधारकों द्वारा इस संबंध में प्रयासों को बढ़ाने, जरूरतों तक पहुंच करने और और सुरक्षित मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और बच्चे के प्रसव के दौरान विश्वसनीय कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम का समापन एयर मार्शल (डॉ.) रान्याल के अभिनंदन और समापन भाषण से हुआ।

Comments