चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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कला व संगीत क्षेत्र में अहम् भूमिका निभाने के लिए सुरिंदर वर्मा सम्मानित

 कला व संगीत क्षेत्र में अहम् भूमिका निभाने के लिए सुरिंदर वर्मा सम्मानित


चंडीगढ़ 30 नवंबर 2021: कला व संगीत के क्षेत्र में अहम् भूमिका व योगदान देने पर शहर की आनंद संगीत वाटिका संस्था ने सिटीजन अवेयरनेस ग्रुप, चंडीगढ़ के चेयरमेन तथा आईएफएसएमएन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरिंदर वर्मा को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें हाल ही में पंचकुला में आयोजित एक भव्य सास्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम का संचालन निदेशक विनोद जैदका ने दिया। इस दौरान उनके साथ कार्यक्रम के आयोजक बिंदू जैदका सिद्धार्थ और इवेंट कंट्रोलर वैशाली जैदका भी उपस्थित थे।

सुरिंदर वर्मा जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने समाज के कल्याण के लिए कई कार्य किये हैं जिससे उन्हें कई प्रतिष्ठत संस्थाओं द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका हैं। उन्होंने संगीत व कला को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

इस अवसर पर सुरिंदर वर्मा ने कहा कि वे इस सम्मान को पाकर बेहद खुश है और आनंद संगीत वाटिका का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि आनंद संगीत वाटिका ने लोगों में संगीत की भावना को जगाने व संगीत के प्रति सम्मान दिलवाने का भरसक प्रयास किया जो कि सरहानीय है।

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