चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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वल्र्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक World Antibiotic Awareness Week @ Fortis Hospital Mohali, Chandigarh

 वल्र्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक

फोर्टिस मोहाली के डॉक्टरों ने एंटीबायोटिक दवाओं के तर्कसंगत इस्तेमाल पर दिया जोर



मोहाली, 25 नवंबर, 2021: आम जनता, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और नीति निर्माताओं के बीच एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण के उभरने और फैलने को रोकने के लिए उदेश्य से फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने वल्र्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक (डब्ल्यूएएडब्ल्यू) मनाया। रोगाणुरोधी के तर्कसंगत उपयोग पर वैश्विक जागरूकता को बढ़ावा देने और रोगाणुरोधी प्रतिरोध को रोकने के लिए यह आयोजन हर वर्ष नवंबर में आयोजित किया जाता है। डब्ल्यूएएडब्ल्यू-2021 का थीम ‘सेपरेड अवेयरनेस-स्टॉप रिस्टेंस’ है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) को मानवता के सामने शीर्ष 10 वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक घोषित किया है। नीति निर्माताओं, प्रदाताओं, प्रिस्क्राइबरों और जनता के बीच एएमआर जागरूकता फैलाने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है।

डॉ. शिवानी जुनेजा बेदी, एसोसिएट कंसल्टेंट, क्लिनिकल फार्माकोलॉजी ने एयर मार्शल (डॉ) आर.के रान्याल, मेडिकल डायरेक्टर और अभिजीत सिंह, जोनल डायरेक्टर, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का आयोजन किया।

एएमआर तब होता है जब बैक्टीरिया, कवक, वायरस और परजीवी जो बीमारियों का कारण बनते हैं, दवाओं का जवाब देना बंद कर देते हैं। यह शरीर को सामान्य संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है और गंभीर बीमारी और यहां तक कि मृत्यु के जोखिम को भी बढ़ाता है। एंटीबायोटिक दवाओं का दुरुपयोग और अति प्रयोग, बचे हुए एंटीमाइक्रोबायल्स को साझा करना भी प्रतिरोध में योगदान देता है।

डॉ बेदी ने संक्रमण को दूर रखने के लिए टीकाकरण और हाथों की स्वच्छता पर जोर दिया। डॉ बेदी ने कहा कि रोगाणुरोधी दवाओं का उचित उपयोग भी चिकित्सा उपचार की प्रभावशीलता को बनाए रखने में मदद करता है। हमें एएमआर के विकास को धीमा करने और दवा प्रतिरोधी संक्रमणों के प्रसार को धीमा करने के लिए आपस में सर्वोत्तम आचरण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

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