चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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स्व: श्रीमती स्वदेश चोपड़ा जी की 7वीं पुण्यतिथि पर मैडिकल और आई चैकअप कैंपों में हुई मरीजों की जांच

 स्व: श्रीमती स्वदेश चोपड़ा जी की 7वीं पुण्यतिथि पर मैडिकल और आई चैकअप कैंपों में हुई मरीजों की जांच

 


7 राज्यों में लगे 140 कैंप, 26000 से ज्यादा मरीजों को मिला स्वस्थय लाभ
पंजाब केसरी समूह के मुख्य संपादक श्री विजय चोपड़ा जी की स्व. धर्मपत्नी श्रीमती स्वदेश चोपड़ा जी की 7वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उत्तर भारत के 7 प्रमुख राज्यों में लगाए गए 140 मैडीकल कैंप और आई चैकअप कैंपों के दौरान 26,763 मरीजों की निशुल्क जांच की गई और कई कैंपों में मरीजों को मुफ्त में दवाएं भी दी गईं। इस दौरान सबसे ज्यादा 66 कैंप उत्तर प्रदेश में लगाए गए जहां पर 7300 मरीजों की जांच हुई जबकि पंजाब में 32 कैंपो में 8344, हरियाणा में 17 कैंपो में 5356 और हिमाचल में 11 कैंपों में 3394, बिहार में 10 कैंपों में 1939, उत्तराखंड में 3 कैंपों में 326 और झारखंड में 1 कैंप में 74 मरीजों की निशुल्क जांच हुई।

श्रीमती स्वदेश चोपड़ा ने अपना पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करते हुए बिताया और अपने जीवन काल के दौरान कई संस्थाओं से जुड़ी रहीं और जरूरतमंदों की सेवा के लिए तत्पर रहीं। उनके द्वारा दिया गए  समाज सेवा के इस सबक पर चलना ही पंजाब केसरी समूह की उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है और उन्हीं की दी गई शिक्षा पर चलते समूह की तरफ से रोगियों के लिए नि:शुल्क मैडीकल जांच का यह प्रयास किया गया है।

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