चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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पंजाबी फिल्म बुद्ध सिंह इस साल के अंत में रिलीज़ होगी


पंजाबी फिल्म बुद्ध सिंह इस साल के अंत में रिलीज़ होगी

रवि इंदर शीन द्वारा निर्मित, हरिंदर संधू और विनोद शर्मा द्वारा सह-निर्मित, यह फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक राजीव कुमार द्वारा निर्देशित है







फुल लेंथ की पंजाबी फिल्म बुद्ध सिंह 2023 के अंत तक सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म का निर्माण रवि इंदर शीन द्वारा किया गया है, हरिंदर संधू और विनोद शर्मा द्वारा सह-निर्मित है और राष्ट्रीय पुरस्कार  विजेता निर्देशक राजीव कुमार द्वारा निर्देशित है।

बुद्ध सिंह एक इंसान के भीतर के संघर्षों की कहानी है। मुख्य नायक बुध सिंह एक बेटा, एक पति, एक पिता और एक दोस्त है जो सही और गलत की पतली रेखा के बीच फंसे एक आम आदमी की तरह अपना जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहा है। वह वर्तमान की गुलामी में ऐसे-ऐसे काम करता है, जिसके परिणाम स्वरूप उसका जीवन उसके हाथ से फिसलता जाता है। इस मानसिक तनाव में वह उन चीजों की कल्पना करने लगता है जो वास्तव में मौजूद नहीं होती हैं। अपने पिता की ईमानदारी, काव्यात्मक झुकाव और समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण वह बार-बार इस संघर्ष का शिकार होता है। कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि क्या इस संघर्ष का कोई अंत हो सकता है।

फिल्म की शूटिंग पंजाब के लुधियाना जिले (मुल्लांपुर और जगराओं) के साथ-साथ चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर की जा रही है। सुरम्य हिमाचल प्रदेश में भी कुछ दृश्य फिल्माए जा रहे हैं।

स्टर्लिंग स्टार कास्ट में नायक के रूप में रवि इंदर शीन शामिल हैं। यह फिल्म एक अभिनेता और निर्माता के रूप में रवि इंदर शीन की पहली फिल्म भी है। अन्य कलाकारों में हरिंदर कौर, सुरिंदर शर्मा, राजिंदर कुमार, बृजेश शर्मा, प्रीतपाल रूपाना, अनूप शर्मा, रमणीक संधू कालकट और कमल बरनाला शामिल हैं।

कहानी अंजना-रोहित और शिवदीप ने लिखी है, सहयोगी निर्देशक सतनाम लाड्डी हैं, छायाकार रॉबिन कालरा और सत्य प्रकाश रथ हैं और संपादक दीपक गर्ग हैं।

फिल्म का निर्माण करने और मुख्य भूमिका निभाने के अलावा रवि इंदर शीन फिल्म में संगीत भी दे रहे हैं।

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