लोगों से प्यार तो कब से करते आ रहे है । अब थोड़ा खुद से भी कर लेते है : Jaya Sharma

 



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सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे! तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: !! sachidananda rupaya

तू लाख भुला कर देख मुझे मैं फिर भी याद आऊंगा तू पानी पी पी के थक जाएगी मैं हिचकी बन बन के सताऊंगा

10,000 BC (2008) (In Hindi)