चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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मानसिक स्वास्थ्य में स्वर्गीय प्रो. चव्हाण के योगदान की स्मृति में जीएमसीएच ने विशेष कार्यक्रम किया आयोजित: professor smriti chauhan, GMCH Sector 32, Chandigarh

मानसिक स्वास्थ्य में स्वर्गीय प्रो. चवन के योगदान की स्मृति में जीएमसीएच ने विशेष कार्यक्रम किया आयोजित


चंडीगढ़, 25 मार्च, 2023: स्वर्गीय प्रोफेसर बीएस चवन द्वारा ट्राइसिटी में मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को याद करने के लिए, एनजीओ परिवर्तन के साथ सेक्टर 32 जीएमसीएच के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान और मनोचिकित्सा विभाग ने  डॉ बी.एस मेमोरियल रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम में एम्स दिल्ली के एचओडी डॉ. आर के चड्ढा मुख्य अतिथि थे, जबकि जीएमसीएच की डायरेक्टर प्रिंसीपल डॉ. जसबिंदर कौर अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। जीएमसीएच की मनोचिकित्सा विभाग की एचओडी प्रोफेसर प्रीति अरुण ने स्वागत भाषण  दिया। डॉ प्रीति ने श्रोताओं को डॉ चवन द्वारा शुरू किए गए अनूठे सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के बारे में बताया कि किस प्रकार परिवर्तन एनजीओ तब से मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के मनोरोग विभाग के साथ मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनूठी सेवाएं प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।

डॉ चड्ढा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे डॉ चवन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवीन सेवाओं की शुरुआत करने वाले अग्रदूत के रूप में जाना जाता था। डॉ जसबिंदर कौर ने जीएमसीएच के पूर्व डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ बीएस चवन के जीवन और कार्यों के बारे में बताया। वर्ष 2022-23 के लिए 'डॉ बी एस चवन मेमोरियल अवार्ड' के आयोजन के दौरान, भारत में पुनर्वास और सामुदायिक मनोरोग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए एनजीओ 'आशादीप', गुवाहाटी को सम्मानित किया गया।

आशादीप की डायरेक्टर डॉ अंजना गोस्वामी ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई और मानसिक विकार वाले व्यक्तियों के लिए पुनर्वास प्रक्रिया में व्यावसायिक गतिविधि पर अपनी बात से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मनोचिकित्सा विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर व एनजीओ परिवर्तन की जनरल सेक्रेटरी डॉ शिखा त्यागी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। कार्यक्रम में मानसिक बीमारी से पीड़ित कुल 200 व्यक्तियों, परिवार के सदस्यों, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों ने भाग लिया।

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