चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब ने डिजास्टर रेजिलिएंस विषय पर आयोजित की चर्चा: Amity University, Mohali

 एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब ने डिजास्टर रेजिलिएंस   विषय पर आयोजित की चर्चा

 



मोहाली, 18 अक्टूबर, 2023ः एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब के इको-क्लब ने फाइटिंग इनिक्वालिटी  फॉर ए रेजिलिएंट फ्यूचर के प्रासंगिक विषय पर एक चर्चा का आयोजन किया। जिसका उद्देश्य डिजास्टर रेजिलिएंस को बढ़ावा देना और असमानता से लड़ना था। कार्यक्रम की शुरुआत एक पैनल चर्चा के साथ हुई जहां विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने आपदाओं के विभिन्न तत्वों पर अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।

पैनलिस्ट्स में एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब के लाॅ विभाग से डॉ. कुसुम पाल, पंजाब विश्वविद्यालय के इकोनोमिक्स विभाग से डॉ. स्मिता शर्मा, पंजाब विश्वविद्यालय के जिओलॉजी विभाग से डॉ. महेश ठाकुर, पंजाब विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग से डॉ. विश्व बंधु सिंह, एमिटी विश्वविद्यालय पंजाब के मनोविज्ञान विभाग से डॉ. शिखा सरना चावला, और बीएससी माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा अनन्या शर्मा शामिल थे।
 
पैनल चर्चा के दौरान, वक्ताओं ने आपदाओं के कारणों, प्रभावों और प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें आपदाओं के भौतिक, आर्थिक, राजनीतिक, कानूनी, सामाजिक और भूवैज्ञानिक पहलुओं जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी। आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों को आपदा तैयारियों, आपदा पीड़ितों के मुआवजे के कानूनी अधिकारों और आपदा के बाद पीड़ितों के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन के महत्व के बारे में शिक्षित करना था।

एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब के वाइस चासलर आर के कोहली ने कहा, “यह सत्र छात्रों के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मूल्यवान अंर्तदृष्टि प्राप्त करने, आपदाओं की बहुमुखी प्रकृति के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने के लिए एक ज्ञानवर्धक मंच साबित हुआ। इस तरह के आयोजन के लिए इको क्लब की पहल सराहना की पात्र है।

एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब के संगीत, थिएटर और नृत्य क्लब ने  रेजिलिएंस  रिदम नामक एक शानदार प्रदर्शन किया और कार्यक्रम को मनोरंजक तरीके से समाप्त किया। प्रदर्शन में एक नाटक और संगीत प्रस्तुति शामिल थी, जो आपदा के बाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा अनुभव किए गए आघात पर प्रकाश डालती थी। इसने इस दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता पर भी जोर दिया कि कैसे विशेषाधिकार प्राप्त लोग अक्सर परिणामों से बच जाते हैं जबकि कम भाग्यशाली लोग आपदाओं का बोझ झेलते हैं। संगीत समारोह का उद्देश्य संकट के समय में एकता को प्रेरित करना और आशावादी दृष्टिकोण को

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