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चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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Kartikeswar Temple – Bhubaneswar: कार्तिकेश्वर मंदिर-भुवनेश्वर

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Divine darshan of Maa Kamakhya 🙏🚩

अपने जीवन में सभी 500 मुकाबलों में अपराजित दारा सिंह की दुर्लभ तस्वीर

सेक्टर 23 मार्किट में सरस्वती माता पूजा आयोजित

ज़रूरतमंद कन्याओं का सामूहिक सरल विवाह समारोह

स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज के गद्दीनशीन होने के उपलक्ष्य में चंडीगढ़ पुरी पीठ परिषद ने हिन्दू राष्ट्र के रूप में मनाया

भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) ने पंजाब प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट सोसाइटी (पीपीडब्ल्यूएमएस) के सहयोग से महत्वपूर्ण सत्र का नेतृत्व किया

Ashish Vidyarthi shares a video message post his marriage to Rupali Barua