चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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30% इनकम टैक्स, 20% जीएसटी, प्रॉपर्टी टैक्स, रोड टैक्स, सेस के बाद जो कुछ बचा, उसके बाद यह बनाया गया।

डॉक्टर गौरव दीक्षित अपने X अकाउंट पर इस पहली तस्वीर को शेयर करके लिखते हैं

"दिल्ली में 'पॉश' GK में मेरी पत्नी का क्लिनिक।

30% इनकम टैक्स, 20% जीएसटी, प्रॉपर्टी टैक्स, रोड टैक्स, सेस के बाद जो कुछ बचा, उसके बाद यह बनाया गया। 

राष्ट्र के निर्माण और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने में हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।"

गौरव दीक्षित ने एक दम से सच कहा है क्योंकि 

मिडिल क्लास आदमी हर चीज़ पर टैक्स देता है उसके बाद सरकारें उसे बदले में यह सब देतीं हैं।

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