चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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Hardik Pandya The Broken Story

Hardik Pandya The Broken Story 💔 

हार्दिक पांड्या से रिपोर्टर ने पूछा कि जब लोग आपको बू कर रहे थे तब आपकी क्या मनोदशा थी? 

हार्दिक पांड्या का जवाब सुनिए जो उन्होंने छलकते आंसुओं के साथ दिया 😢 

" वो जो 6 महीने मेरे गए वो वापस आए, जब मुझे रोना भी था तब भी मैं नहीं रोया। जितने भी लोग खुश हो रहे थे मेरे डिफिकल्ट टाइम में मुझे उन्हें और ख़ुशी नहीं देनी थी और देखिए भगवान ने मौका भी कैसा दिया🔥

This Is An Emotional Statement From Hardik Pandya🫂

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