चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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Team India brings the T20 World Cup home in STYLE!

जब आप देश के लिए खेलते हो तो परिणाम यही होता है।

रोहित रो पड़े, विराट रो पड़े, हार्दिक रो पड़े, पूरी टीम रो पड़ी, पूरा भारत रो पड़ा !

अक्षर पटेल के ओवर के बाद मानो भारत मैच हार चुका था। ऐसा लग रहा था 19 नवंबर को ODI विश्व कप में मिली हार के बाद भारतीय टीम का फाइनल में आत्मविश्वास टूट जाता हो।

आज पूरी टीम ने दिखा दिया कि टीम वर्क में कितनी शक्ति होती है।

हार्दिक का ओवर, बुमराह का ओवर, सूर्यकुमार यादव का अद्भुत कैच ने भारत की मैच में वापसी कराई।

हार्दिक के अंतिम ओवर में भारत ने इतिहास रच दिया।

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