Martyrdom of Sri Guru Tegh Bahadur

हिंदू धर्म के रक्षक श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से एक दिन पहले उन्हें डराने के लिए चांदनी चौंक में उनके सिख भाई मति दास जी को आरे से दो टुकड़े कर दिए गए,भाई सती दस जी को रुई में लपेट जिंदा जलाया गया, भाई दयाल जी को देग में उबाल कर शहीद किया गया। उनकी शहादत को बारम्बार प्रणाम 

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सेवितव्यो महावृक्ष: फ़लच्छाया समन्वित:। यदि देवाद फलं नास्ति,छाया केन निवार्यते।। Sanskrit Shlokas

सेवितव्यो महावृक्ष: फ़लच्छाया समन्वित:।

यदि देवाद फलं नास्ति,छाया केन निवार्यते।।

 अर्थ — एक विशाल वृक्ष की सेवा करनी चाहिए। क्योंकि वह फल और छाया से युक्त होता है। यदि किसी दुर्भाग्य से फल नहीं देता तो उसकी छाया कोई नहीं रोक सकता है।

 

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