चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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योगी सरकार का बड़ा एक्शन! 2.44 लाख कर्मचारियों का वेतन सरकार ने रोक दिया है : Yogi Aditya Nath UP Chief Minister

 

योगी सरकार का बड़ा एक्शन! 

 2.44 लाख कर्मचारियों का वेतन सरकार ने रोक दिया है कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा गया था। अभीतक केवल 71% कर्मचारियों ने ही दिया था अपनी संपत्ति का ब्यौरा।

जिन कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया उन सभी के वेतन रोक दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने 31 अगस्त तक का दिया था समय, चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के दिए गए थे निर्देश।

Courtesy by X.com

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