Martyrdom of Sri Guru Tegh Bahadur

हिंदू धर्म के रक्षक श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से एक दिन पहले उन्हें डराने के लिए चांदनी चौंक में उनके सिख भाई मति दास जी को आरे से दो टुकड़े कर दिए गए,भाई सती दस जी को रुई में लपेट जिंदा जलाया गया, भाई दयाल जी को देग में उबाल कर शहीद किया गया। उनकी शहादत को बारम्बार प्रणाम 

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 घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी, सेंसेक्स 80,000 अंक के नीचे

शुक्रवार, नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार को इस सप्ताह कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गईं। शुक्रवार की शुरुआत में सेंसेक्स 80,000 अंक के नीचे चला गया, जो बाजार में गिरावट की गंभीर स्थिति का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार के इस रुझान के पीछे विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली और दूसरी तिमाही की कमजोर कॉर्पोरेट आय जैसे कारक मुख्य कारण हैं।

इस गिरावट का प्रमुख कारण दूसरी तिमाही में कई कंपनियों की कमज़ोर वित्तीय प्रदर्शन को माना जा रहा है। वित्तीय क्षेत्र, मेटल्स और आईटी सहित विभिन्न सेक्टर्स में अपेक्षा के मुताबिक प्रदर्शन न होने के कारण निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भी बाजार की स्थिति को बिगाड़ा है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली का प्रभाव

पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने घरेलू बाजार से बड़े पैमाने पर निकासी की है। अक्टूबर की शुरुआत से ही बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है, जिसके कारण निवेशकों का उत्साह भी कमजोर हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उथल-पुथल और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने की संभावनाओं के चलते विदेशी निवेशक भारत सहित अन्य उभरते बाजारों से पूंजी निकाल रहे हैं।

निवेशकों के लिए सुझाव

निवेशकों के बीच अनिश्चितता के इस दौर में विशेषज्ञों ने उन्हें संयम बनाए रखने का सुझाव दिया है। सलाह दी जा रही है कि दीर्घकालिक निवेश के दृष्टिकोण से बाजार में बने रहें और भावनात्मक निर्णय से बचें।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस गिरावट से बाजार को कुछ समय के लिए नुकसान हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से बाजार में सुधार संभव है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि निवेशक गुणवत्ता वाली कंपनियों में निवेश करें, जिनकी बुनियादी आर्थिक स्थिति मजबूत है और जो दीर्घकालिक लाभ देने में सक्षम हैं।

निकट भविष्य में सुधार की उम्मीद?

कई विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार निकट भविष्य में स्थिर हो सकता है। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति और वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर बाजार की नजरें टिकी रहेंगी। वहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और अगले तिमाही में अच्छे परिणाम की उम्मीद से बाजार में सकारात्मकता आ सकती है।

निष्कर्ष: इस गिरावट के बावजूद, भारतीय शेयर बाजार की दीर्घकालिक संभावनाएं अभी भी सकारात्मक मानी जा रही हैं। हालांकि, बाजार में इस समय निवेशक सतर्कता से काम कर रहे हैं और बाजार की बदलती स्थिति पर ध्यान दे रहे हैं।

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