चिन्मस्तिका देवी: Devi Chhinnamasta

  चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप चिन्मस्तिका देवी का स्वरूप अद्भुत और असामान्य है। उनके इस अद्वितीय रूप का गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक महत्व है। मस्तक का स्वयं बलिदान: देवी ने अपने ही मस्तक को काटकर उसे हाथ में थाम रखा है। उनके गले से तीन धाराओं में रक्त प्रवाहित हो रहा है, जो जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। तीन रक्त की धाराएँ: पहली धारा देवी के मुख में जा रही है। अन्य दो धाराएँ उनके दोनों सहायकों या दासियों के मुख में जा रही हैं, जो तृप्ति और भक्ति का प्रतीक हैं। कमल पर खड़े रहना: देवी एक विशाल कमल के फूल पर खड़ी हैं, जो ब्रह्मांडीय चेतना और शुद्धता का प्रतीक है। शिव पर खड़े रहना: देवी अपने चरणों से भगवान शिव के शरीर पर खड़ी हैं, जो जड़ता (passivity) और शक्ति (energy) के सामंजस्य को दर्शाता है। आभूषण और माला: उनके गले में नरमुंडों की माला और शरीर पर साधारण आभूषण हैं, जो जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अपरिहार्यता को दर्शाते हैं। दासी रूप में संगिनी: उनके दोनों ओर उनकी सहायक दासियाँ हैं, जो उनके दिव्य बल और शक्ति में सहयोगी हैं। पौराणिक कथा और महत्व चिन्मस्तिका देवी के इस र...

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सिंघाड़ा फल के अद्भुत फायदे: सेहत और ऊर्जा का खजाना: Singhara fruit benefits in hindi

सिंघाड़ा फल के अद्भुत फायदे: सेहत और ऊर्जा का खजाना


 

सिंघाड़ा, जिसे वॉटर चेस्टनट भी कहा जाता है, एक पौष्टिक और सेहतमंद फल है। यह फल खासतौर पर सर्दियों में उपलब्ध होता है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसके मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:

1. पोषण से भरपूर:

सिंघाड़ा विटामिन बी6, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

2. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी:

सिंघाड़ा में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन प्रक्रिया को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।

3. वजन घटाने में मददगार:

यह कैलोरी में कम और पोषण में उच्च है, जिससे वजन नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।

4. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है:

सिंघाड़ा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाव करता है।

5. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है:

पोटेशियम की मौजूदगी के कारण यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक है।

6. त्वचा के लिए फायदेमंद:

सिंघाड़ा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

7. थकान और कमजोरी को दूर करता है:

सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और थकान व कमजोरी को दूर करने में सहायक है।

8. गर्भावस्था में लाभकारी:

यह आयरन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है।

9. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) में राहत:

सिंघाड़ा का सेवन मूत्र मार्ग को साफ रखने और संक्रमण को रोकने में मदद करता है।

10. ठंडक प्रदान करता है:

यह शरीर में ठंडक प्रदान करता है और गर्मी के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखता है।

कैसे खाएं:

  • इसे कच्चा खा सकते हैं।
  • उबालकर या सुखाकर पाउडर के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
  • सिंघाड़े का आटा व्रत में इस्तेमाल किया जाता है।

सिंघाड़ा सेहतमंद जीवनशैली के लिए एक उत्तम विकल्प है। इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

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